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________________ जैन पुराणों का सांस्कृतिक अध्ययन मत्स्य : यह मध्य देश में स्थित था । इसे आधुनिक जबलपुर से समीकृत करते हैं । इसकी राजधानी विराट या विराट नगर थी। ४१० मद्र' : आधुनिक स्यालकोट और रावी तथा चेनाव नदियों के मध्य स्थित उसके समीपवर्ती क्षेत्रों को मद्र देश से समीकृत करते हैं । मल्ल' : दीघनिकाय के अनुसार पावा और कुशीनगर के आस-पास मल्ल स्थित था यह आधुनिक देवरिया के अन्तर्गत आता है । मलय : महा पुराण में जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र में मलय नामक देश का उल्लेख मिलता है ।" मंगलावती : जैन पुराणों के अनुसार नदी और निषेध पर्वत के मध्य सीता नदी के देश है । ' " बंगाल इसकी सीमा मध्यदेश" : बौधायन धर्मसूत्र के अनुसार सरस्वती नदी के विनशन प्रदेश के पूर्व प्रयाग के निकट कालक वन के पश्चिम, पारिपात्र के उत्तर और हिमालय के दक्षिण में मध्यदेश था । बिहार एवं के बाहर थे। मनु के धर्मशास्त्र में सूत्रों के आर्यावर्त को मध्य देश कहा गया है । सूत्रों के आधार पर आर्यावर्त और मनु का मध्यदेश काव्यमीमांसा ( पृ० ८३ ) के अनुसार अन्तर्वेदी के नाम से विश्रुत है, जो पूर्व में वाराणसी तक फैला था । " महाकच्छ : महा पुराण में इसे पूर्व विदेह का जनपद बताया गया है । ३ १. हरिवंश ३।४ २. ३. महा २६।४१ ४. लाहा - वही, पृ० १७७ ५. ६. ७. ८. लाहा- वही, पृ० ८६ १२. महा २६।४८ भरत सिंह उपाध्याय - वही, पृ० ३१५ महा ५६/६३; हरिवंश ५६।११२ वही ५६।२३ ६. १०. वही २६।४२ ११. वही ७ ६०, ५०।२; हरिवंश ५।२४७ लाहा - वही, पृ० २० महा ५।१६३ जम्बूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में सीता दक्षिण तट पर मंगलावती नामक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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