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१५. चिकित्साशास्त्र; १६. ज्योतिषशास्त्र; १७. खगोलशास्त्र; १८. अन्य शास्त्र-नीतिशास्त्र, मानविद्या (मापविद्या), उपकरण निर्माणशास्त्र, आयुधनिर्माणशास्त्र, वस्त्रों से सम्बन्धित शास्त्र, लक्षणशास्त्र, तंत्रशास्त्र,
लोकाचारशास्त्र, दर्शनशास्त्र, रत्नपरीक्षाशास्त्र । ५. कला एवं स्थापत्य
२४६-२८१ (क) जन-सन्निवेश : स्वरूप एवं प्रकार
२४६-२५२ १. ग्राम; २. नगर; ३. पत्तन; ४. द्रोणमुख; ५. पुटभेदन; ६. खर्वट (कर्वट); ७. खेट; ८. मटम्ब; ६. संग्रह;
१०. संवाह; ११. घोष; १२. आकर । (ख) वास्तु एवं स्थापत्य कला
२५३-२७६ १. नगर-विन्यास-दुर्ग, राजधानी, सड़क निर्माण, सुरक्षाव्यवस्था [परिखा, वप्र (कोट), प्राकार, अट्टालक, बुर्ज, गोपुर, प्रतोली]; २. भवन-निर्माण-भवनों की विशेषताएं, भवनों के प्रमुख अंग (द्वार, स्तम्भ, आस्थान-मण्डप, अन्य मण्डप, सभा, गवाक्ष, दीपिका, धारागृह),भवन : प्रकार एवं स्वरूप, (गृह या गेह, सद्म, वेश्म, आगार, आलय, स्नानागार, हर्म्य, प्रासाद, भवन, शाला या शाल भवन, कूटागार, पुष्करावर्त, भाण्डारगृह, क्रीड़ास्थल या क्रीडानक, प्रपा या प्याऊ); ३. मन्दिर निर्माण-कला-जैनमन्दिर : विश्लेषण,
निर्माण कला एवं विशेषताएं, समवसरण । (ग) मूर्तिकला
२७७-२८१ १. स्रोत; २. समय; ३. सामग्री; ४. मूर्तिकला : प्रकार एवं स्वरूप-तीर्थंकर, शासनदेव, यक्ष-यक्षिणी, सप्तर्षि,
नौग्रह, श्रुतदेवी और विद्या देवी । ६. ललित कला
२८२-३१४ (क) संगीत-कला
२८२-३०५ १. संगीत-कला के सिद्धान्त : स्वरूप एवं प्रकार-स्वर; वृत्ति; जाति (स्थान, स्वर, संस्कार, विन्यास, काकु,
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