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________________ ( xxiv ) १०. सामन्त व्यवस्था; ११. राजा के प्रमुख कर्मचारीपुरोहित, अमात्य, सेनापति, श्रेष्ठि, धर्माधिकारी, लेखक, लेखवाह (पनवाहक), नगर-रक्षक, गुप्तचर, दूत, आरक्षी; १२. न्याय व्यवस्था-न्याय : स्वरूप एवं प्रकार, महत्त्व एवं आदर्श, न्याय के प्रकार, शपथ, अपराध एवं दण्ड; १३. राज्य के आय के स्रोत; १४. राज्य का व्यय । (ग) सैन्य-संगठन २२१-२३० १. सेना और उसके अंग-पत्ती, सेना, सेनामुख, गुल्म, वाहिनी, पृतना, चमू, अनीकिनी; (हस्ति-सेना, अश्व-सेना, रथ-सेना, पैदल-सेना); २. युद्ध के कारण; ३. सैनिकअभियान एवं युद्ध; ४. युद्ध का नियम; ५. सेना के शस्त्रास्त्र; ६. सेना से सम्बन्धित अन्य सामान; ७. युद्ध का फल । ४. शिक्षा और साहित्य २३१-२४५ (क) शिक्षा २३१-२३८ १. शिक्षा का महत्त्व; २. शिक्षा सम्बन्धी संस्कार या क्रिया-लिपि, उपनीति (उपनयन); व्रतचर्या, व्रतावतरण; ३. विद्या प्राप्ति का स्थान; ४. गुरु का महत्त्व; ५. गुरु के गुण; ६. शिष्य के गुण; ७. शिष्य के दोष; ८. गुरु शिष्य सम्बन्ध; ६. गुरु-सेवा; १०. गुरु-दक्षिणा; ११. .. स्त्री-शिक्षा; १२. सह-शिक्षा; १३. पाठ्य-क्रम । (ख) साहित्य २३६-२४५ १. भाषा और लिपि-अनुवृत्तलिपि, विकृत्तलिपि, सामयिक लिपि, नैमित्तिक लिपि; २. वेद; ३. वेदांग; ४. पुराण; ५. वाङमय-व्याकरणशास्त्र, छन्दशास्त्र, अलंकारशास्त्र; ६. पहेली; ७. गणित; ८. अर्थशास्त्र; ६. कामशास्त्र; १०. गान्धर्वशास्त्र; ११. चित्रकला; १२. वास्तु एवं स्थापत्य कला; १३. नाटक; १४. कथा साहित्य-आक्षेपणी कथा, निक्षेपणी कथा, सेवेजनी कथा, निर्वेदनी कथा; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001350
Book TitleJain Puranoka Sanskrutik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Mishra
PublisherHindusthani Academy Ilahabad
Publication Year1988
Total Pages569
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Culture
File Size8 MB
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