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२४ अध्यात्म प्रवचन : भाग तृतीय तत्त्व-वर्गीकरण:
भारत के सभी दर्शनों ने तत्त्व को स्वीकार किया है। उसका वर्गीकरण और संख्या भी अपनी-अपनी अवधारणा के अनुसार की है। जैन परम्परा के आचार्यों ने अपने विभिन्न ग्रन्थों में द्रव्य तथा तत्व का वर्गीकरण इस प्रकार किया है-षड् द्रव्य, पञ्च अस्तिकाय, सप्त तत्त्व और नव तत्त्व अथवा नव पदार्थ। षड् द्रव्यः
१. धर्म २. अधर्म ३. आकाश ४. काल ५. पुद्गल
६. जीव पञ्च अस्तिकाय:
१. धर्मास्तिकाय २. अधर्मास्तिकाय ३. आकाशास्तिकाय ४. पुद्गलास्तिकाय
५. जीवास्तिकाय सप्त तत्त्व :
१. जीव २. अजीव ३. आस्रव ४. संवर ५. बन्ध ६. निर्जरा
७. मोक्ष नव पदार्थ :
१. जीव २. अजाव
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