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तीर्थङ्कर ३९ ९. सुविधिनाथ :
भगवान् सुविधिनाथ (पुष्पदन्त) नौवें तीर्थङ्कर थे। उनकी जन्मभूमि काकन्दी नगरी थी। पिता राजा सुग्रीव एवं माता रामादेवी थीं। आपका जन्म मार्गशीर्ष कृष्णा पंचमी को और निर्वाण भाद्रपद शुक्ला नवमी को हुआ था। निर्वाण-भूमि सम्मेतशिखर है। १०. शीतलनाथ:
। भगवान् शीतलनाथ दसवें तीर्थङ्कर थे। उनकी जन्मभूमि भद्दिलपुर नगरी थी। पिता राजा दृढ़रथ और माता नन्दारानी थीं। आपका जन्म माघ कृष्णा द्वादशी को और निर्वाण वैशाख कृष्णा द्वितीया को हुआ था। निर्वाण-भूमि सम्मेतशिखर है। ११. श्रेयांसनाथ :
___भगवान् श्रेयांसनाथ ग्यारहवें तीर्थङ्कर थे। उनकी जन्मभूमि सिंहपुर नगरी थी। पिता राजा विष्णुसेन और माता विष्णदेवी थीं। आपका जन्म फाल्गुन कृष्णा द्वादशी को
और निर्वाण श्रावण कृष्णा तृतीया को हुआ था। निर्वाण-भूमि सम्मेतशिखर है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान् महावीर ने पूर्व-जन्म में त्रिपृष्ठ वासुदेव के रूप में भगवान् श्रेयांसनाथजी के चरणों में उपदेश प्राप्त किया था। १२. वासुपूज्य :
__ भगवान् वासुपूज्य बारहवें तीर्थङ्कर थे। उनकी जन्मभूमि चम्पा नगरी थी। पिता राजा वसुपूज्य और माता जयादेवी थीं। आपका जन्म फाल्गुन कृष्णा चतुर्दशी को और निर्वाण आषाढ़ शुक्ला चतुर्दशी को हुआ था। निर्वाण-- भूमि चम्पा नगरी है। वे बालब्रह्मचारी रहे; आपने जीवनपर्यंत विवाह नहीं किया। १३. विमलनाथ :
__ भगवान् विमलनाथ तेरहवें तीर्थङ्कर थे। उनकी जन्मभूमि कम्पिलपुर नगरी थी। पिता राजा कर्तृवर्म और माता श्यामादेवी थीं। आपका जन्म माघ शुक्ला तृतीया ,
और निर्वाण आषाढ़ कृष्णा सप्तमी को हुआ था। निर्वाण-भूमि सम्मेतशिखर है।। १४. अनन्तनाथ :
भगवान् अनन्तनाथ चौदहवें तीर्थङ्कर थे। उनकी जन्म-भूमि अयोध्या नगरी थी। पिता राजा सिंहसेन और माता सुयशा थीं। आपका जन्म वैशाख कृष्णा तृतीया को और निर्वाण चैत्र शुक्ला पंचमी को हुआ था। निर्वाण-भूमि सम्मेतशिखर है। १५. धर्मनाथ :
भगवान् धर्मनाथ पन्द्रहवें तीर्थङ्कर थे। उनकी जन्मभूमि रत्नपुर नामक नगरी थी। पिता भानुराजा और माता सुव्रता थीं। आपका जन्म माघ शुक्ला तृतीया को और निर्वाण ज्येष्ठ शुक्ला पंचमी को हुआ था। निर्वाण-भूमि सम्मेतशिखर है।
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