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प्रमेय कमलमार्तण्डे
नापि सामान्यपदार्थः; तस्य पराभ्युपगतस्वभावस्य प्रागेव प्रतिषिद्धत्वादिति ।
सामान्य नामा पदार्थ भी असिद्ध है, वैशेषिक जिस तरह का सामान्य का स्वभावादि मानते हैं उस सामान्य का अभी सामान्यस्वरूपविचार नामा प्रकरण निराकरण कर आये हैं अतः इसके विषय में कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है ।
॥कर्मपदार्थविचार समाप्त ॥
Boo०००
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