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________________ अर्थापत्तेः अनु मानेऽन्तर्भावः सम्बन्धिनोऽनुपलम्भस्यासिद्धानै कान्तिकत्वाच्च । नन्वेवं सकलानुमानोच्छेदः, अस्तु नाम तस्यायम् यो भूयोदर्शनाद्विपक्षेऽनुपलम्भाव्याप्ति प्रसाधयति नास्माकम्, प्रमाणान्तरात्तत्प्रसिद्ध्यभ्युपगमाद । भवतोपि ततस्तदभ्युपगमे प्रमाणसंख्याव्याघातः । समाधान - ऐसा सकल अनुमान उच्छेद का दोष उसी को हो सकता है जो भूयोदर्शन से एवं विपक्ष में अनुपलम्भ से व्याप्ति को [ अविनाभाव संबंध को ] सिद्ध करते हैं, हम जैनों को यह दूषण नहीं लगता है, हम तो अन्य ही तर्क नामक प्रमाण से व्याप्ति का ज्ञान होना मानते हैं । आप मीमांसक यदि उसी अन्य प्रमाण से व्याप्ति का ज्ञान होना स्वीकार करेंगे तो आपकी अभीष्ट प्रमाण संख्या का व्याघात होगा, इस प्रकार अर्थापत्ति कोई स्वतन्त्र प्रमाण नहीं है, वह तो अनुमान स्वरूप ही है ऐसा सिद्ध हुआ मानना चाहिये। अर्थापत्ति अनुमानाऽन्तर्भाव समाप्त अर्थापत्ति अनुमानान्तर्भाव का सारांश मीमांसक प्रर्थापत्ति, उपमान और प्रभाव इन्हें अनुमानादि से पृथक् प्रमाण मानते हैं, सो उनके पूर्वपक्ष का सारांश इस प्रकार से है- प्रर्थापत्ति के विषय में उनका यह मन्तव्य है कि किसी एक पदार्थ को देखकर उसके अविनाभावी दूसरे पदार्थका बोध करना । उस अर्थापत्तिके प्रत्यक्षादि की अपेक्षा लेकर प्रवृत्त होनेके कारण ६ भेद माने गये हैं । प्रत्यक्ष से अग्निको ज्ञात कर उसकी दाहक शक्ति को जानना यह प्रत्यक्षपूर्विका अर्थापत्ति है । सूर्य में गमनरूप हेतु से गमन शक्तिका बोध करना यह अनुमानपूर्विका अर्थापत्ति है । आगम के वाक्य सुनकर अर्थान्तर का बोध करना यह आगमपूर्विका अर्थापत्ति है, जैसे दिन में नहीं खाने पर भी देवदत्तमें स्थूलता देखकर उसके रात्रिभोजन करनेका बोध करना । अर्थापत्ति से अर्थापत्ति इस प्रकार है-शब्दमें अर्थापत्ति से वाचक शक्तिका बोधकर उसमें नित्यत्वका बोध करना । उपमानपूर्विका अर्थापत्ति-रोझ उपमेयको देखकर गाय की उपमाको जानना । अभावपूर्विका अर्थापत्ति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001276
Book TitlePramey Kamal Marttand Part 1
Original Sutra AuthorPrabhachandracharya
AuthorJinmati Mata
PublisherLala Mussaddilal Jain Charitable Trust Delhi
Publication Year1972
Total Pages720
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Nyay
File Size15 MB
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