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.११ सपना १४१५ अट्रमो महाधियारोबारपि 3croon
-८.६६८] एदस्स चउदिसासु चत्तारि तमोमयामो राजीओ। णिस्सरिदूर्ण बाहिरराजीणं होदि बाहिरप्पासा ॥६५९ तरिछविदूर्ण तत्तो ताओ पदिदाओ चरिमउवहिम्मि ! अभंतरैतीरादो संखातीदे अ जोयणे य धुवं ॥६६० बाहिरचउराजीणं बहियवलंबो पदेदि दीवम्मि । जंबूदीवाहितो गंतूण यसंखदीववारिणिहि ॥ ६६१ बाहिरभागाहिंतो अवलंबो तिमिरकायणामस्स । जंबूदीवहितो तम्मेत्तं गदुअ पददि दीवम्मि ॥ ६६१
। एवं लोयंतियपरूवणा सम्मत्ता। गुणजीवा पज्जत्ती पाणा सण्णा य मग्गणाओ वि । उवजोगा भणिदव्वा देवाणं देवलोयम्मि ॥ ६६३ चत्तारि गुणट्राणा जीवसमासेस सणिपजती। णिवत्तियपजत्ती छपजत्तीभी छहं अपजत्ती ॥ ६६५ पजत्ते दस पाणा इदरे पाणा हवंति सत्तेव । इंदियमणवयणतणू आउस्सासा य दसपाणा ॥ ६६५ तेसुं मणवचउच्छासवाजदा सत्त तह यपजत्ते । चउसण्णाओ होंति हु चउसु गदीसुं च देवगदी ॥ पंचक्खा तसकाया जोगा एक्कारसप्पमाणा य । ते अट्ठ मणवयाणि वेगुम्वदुगं च कम्मइयं ।। ६६७ पुरिसित्थीवेदजुदा सयलकसाएहि संजुदा देवा । छपणाणेहि सहिदा सव्वे वि असंजदा तिदंसणया ॥६६८
इसके चारों दिशाओंमें चार तमोमय राजियां निकलकर बाह्य राजियोंके बाह्य पार्श्वपर होती हुई उन्हें छूकर वे निश्चयसे अभ्यन्तर तीरसे असंख्यात योजन मात्र अन्तिम सुमुद्रमें गिरी हैं। बाह्य चार राजियों के बाह्य भागका अवलंबन करनेवाला जम्बूद्वीपसे असंख्यात द्वीप-समुद्र जाकर द्वीपमें गिरता है । बाह्य भागोंसे तिमिरकाय नामका अवलंब जम्बूद्वीपसे इतने मात्र जाकर द्वीपमें गिरता है (?) ॥ ६५९-६६२ ॥
___इस प्रकार लौकान्तिक देवोंकी प्ररूपणा समाप्त हुई ।
अब देवलोकमें देवोंके गुणस्थान, जीवसमास, पर्याप्ति, प्राण, संज्ञा, मार्गणा और उपयोग, इनका कथन करना चाहिये ॥ ६६३ ॥
चार गुणस्थान, जीवसमासोंमें संज्ञी पर्याप्त और निवृत्यपर्याप्त, छह पर्याप्तियां और छहों अपर्याप्तियां; पर्याप्त अवस्थामें पांच इन्द्रियां, मन, वचन, काय, आयु और श्वासोच्छ्वास, ये दश प्राण; तथा अपर्याप्त अवस्थामें मन, वचन और उच्छ्वाससे रहित शेष सात प्राण; चार संज्ञायें, चार गतियोंमेंसे देवगति, पंचेन्द्रिय, त्रसकाय; आठ मन-वचन, दो वैक्रियिक ( वैक्रियिक और वैक्रियिकमिश्र ) और काभण इस प्रकार ग्यारह योग; पुरुष व स्त्रीवेदसे युक्त, समस्त कषायोंसे संयुक्त, छह ज्ञानोंसे सहित, सब ही असंयत और तीन दर्शनसे युक्त होते हैं ॥ ६६४-६६८ ॥
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१द ब रज्जूओ. २द अभितर. ३ द ब गदु पददि. ४ दब लोयपरूवणा. ५दव आउस्ससयासदसपाणा. ६ द ब सयलकसाए. ७६ब सदा. TP. 109
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