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-७. ३१८ सत्तमो महाधियारो
[७०९ - छण्णवसगदुगछका अंकामे पंचतियछ दोणि कमे । णमछच्छत्तिय हरिदा रिद्वारणिबीए तापखिदी ॥३१४
चउतियगवसगछका अंककमे जोय गाणि अंसा य । णचउच उक्कदुगया रिट पुरीपगिधितावखिदी ॥ ३१५
दुगछक्कतिदुगसता अंकको जोयगागि अंसा य | पंचदुवउक्करका खगपुरीपणिधितावखिदी ॥ ३१६
___७२३६२ / ३४३० णभगयणांचतता सत्तंककोण जोपगा अंला । णवतिय दुगेक्कमे ता मंजुलपुरपगिधितावखिदी ॥ ३१७
अट्ठदुणवेक्का अंककने जोपणागि अंसा य । पंवेदुगपमाणा ओसहिपुरपणिधिधावविदी॥ ३१८
अरिष्टा नगरीके प्रणिविभागमें तापक्षेत्रका प्रमाण छह, नौ, सात, दो और छह, इन अंकों के क्रमसे अर्थात् बासठ हजार सात सौ छयानत्रै योजन और तीन हजार छह सौ साठसे भाजित दो हजार छह सौ पैंतीस भाग अधिक है ॥ ३ १४ ॥ ६२७९६३६३ ।
__ अरिष्टपुरीके प्रणिधिभागो तापक्षेत्रका प्रमाण चार, तीन, नौ, सात और छह, इन अंकोंके क्रमसे अर्थात् सड़सठ हजार नौ सौ चौंतीस योजन और दो हजार चार सौ उनचास भाग अधिक है ॥ ३१५ ॥ ६७९३ ४ ३ ३ ६७ ।
खड्गपुरीके प्रणिविभागों तापक्षेत्रका प्रमाण दो, छड, तीन, दो और सात, इन अंकोंके क्रमसे अर्थात् बहत्तर हजार तीन सौ बासठ योजन और एक हजार चार सौ पच्चीस भाग अधिक होता है ॥ ३१६ ॥ ७२३६२३४३ ।
मंजूषपुरके प्राणिविभागमें तापक्षेत्रका प्रमाण शून्य, शून्य, पांच, सात और सात, इन अंकों के क्रमसे अर्थात् सतत्तर हजार पांच सौ योजन और एक हजार दो सौ उनतालीस भागमात्र होता है ॥ ३१७ ॥ ७७५००३३६ ।
औषधिपुरके प्रणिधिभागमें तापक्षेत्रका प्रमाण आठ, दो, नौ, एक और आठ, इन अंकोंके क्रमसे अर्थात् इक्यासी हजार नौ सौ अट्ठाईस योजन और दो सौ पन्द्रह भाग अधिक होता है ।। ३१८ ॥ ८१९२८३६९६५ ।
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