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-७. १७० ]
सत्तमो महाधियारा
[ ६८२
सींदी सतसय णिं पण्णरससहस्स जोयण तिलक्खा । दोणि कलाओ परिही चंदस्स चउत्थवीहीए ॥१६७
३१५७८० | २० |
४२७
तिजोयलक्खाणिं दहुत्तरा तह य सोलससहस्सा | पणदालजुदसदसा सा परिही पंचमपहम्मि || १६८
1
३१६०१०
चालीस दुसय सोल्ससहस्स तियलक्ख जोयणा अंसा । अट्ठासीदी दुसया छट्ठप होदि सा परिही ॥ १६९
३१६२४० |२८|
४२७
सोलससहस्स चउसय एक्कसरिअधियजोयण तिलक्खा । चत्तारि कला सत्तमपहम्मि परिही ससंकल्स' ॥
| ४१७ |
३१६४७१
चन्द्रकी चतुर्थ वीथीकी परिधि तीन लाख पन्द्रह हजार सात सौ अस्सी योजन और दो कला अधिक है ॥ १६७ ॥
१४५
४२७
३१५५४९ १÷६ + २३०१
४२७
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३१५७८० ४२७ ।
पांचवें पथमें वह परिधि तीन लाख सोलह हजार दश योजन और एक सौ पैंतालीस भाग अधिक है ॥ १६८ ॥
१ द मर्दकस्स.
३१५७८० ४३७ + २३०११
३१६०१०११७ ।
छठे पथमें वह परिधि तीन लाख सोलह हजार दो सौ चालीस योजन और दो सौ अठासी भाग प्रमाण है ॥ १६९ ॥
१ ४ ३ ३१६०१०११ + २३०
चन्द्रके सातवें पथमें वह परिधि तीन लाख और चार कलामात्र है ॥ १७० ॥
३१६२४०१÷८ + २३०
=
३१६२४०२८८ ४२७
१४३ ४२७
=
=
४२७
सोलह हजार चार सौ इकत्तर योजन
३१६४७१४१७
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