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________________ ६० २ २ ३ १०२ ६ ६ ६ ६ ६ ६ १ गणाहिवं १ अक्खोहणीऍ ७ ७ ३ वाइणी ३ तहाणी किणी अन्ये १० १० :::-- ११ यविद छि इति प गमणं पव्वं संमतं 'हाणो णाम ५ सेनामु ५ गुम्मं २७ ए ६ ६ ११ णाम ५५ पव्वं सम्मतं उद्देश- ५६ कहेड सु भणइ भिण्णासु अक्खोदणी मेउत्थ सिण्णा, तिउणा सेण्णा भु मुहं ९ ह तिष्णि उचम् चम् ७२९ । मूडणी किणी गुम्माय ति वाहिणी ८१ सा° दियणा २४३ । पितणाउ जे जे, क जे ख क जे, क, ख जे Jain Education International "" जे, क, ख क, ख जे क, ख क, ख क क ख क क, ख क, ख या २१८७ ॥ दसयं निक्किणिनामाभो हाइ अणी किणि अक्खोणी एकिक कहेइ "स्साण छ चेव तुरंगाणं, अक्खोहणीए रस उ सह एका इमाए सं क क, ख जे जे, क, ख जे क, ख जे, क, ख ११ १२ १३ १३ १४ १४ १४ १५ १५ पि १५ १८ 2 N N ✓ ✓ o o १९ १९ दोलाय २० २० २१ २१ २१ २८ २८ अक्खोणीए उ ॥जे, क. ख 'भडाय तु क, ख डा सत्तिजुया, क २९ गहियद्दत्था चित्तणं क " पिययम भणइ क° जे २१ २२ २२ २२ भाद २३ दोलाली २३ २३ पावेंति २४ २९ पवि क न्ना प्रियं नि जे जे. ख जे जे ३१ पुण सु पम्मपि २४ 'पेमपडि २४ ३१ उंगुडि अण्णा वीरमहिलिया, जे तत्थ महिला, कंठे क, ख क, ख ख ख क, ख. जे क, ख क जे अह भणिउं २४ २४ २४ दोह विभावि भडो क ख २५ ताण असेण २६ पतेसु २६ संधावे सु २७ मारीची ७. पाठान्तराणि मा मं ध घरेह रणरसो पिच्छ ते वरसहडा, रणमु क ख 'लीलायमाणरणसुहडा जे पिम्मेण पेमेण गयारिवहच्छा गयारिबीमच्छा निनाओ य सुंद अग्गणाओ जोईसरो क्रियं तो कुलिरउवरो य जे, क, ख जे क ख ख क, ख जे ३२ ३३ ३३ ३३ 'मादीया ३५ ३५ ३६ ४६ ४७ ४७ १ 7 २ ३ ३ ३८ ३८ ३८ ३९ ४० ४० ४१ सु ४२ ४३ ४३ ४४ वग्घ सहिए ४५, उडिया ४ भवे य माली ण । जे हिंडिय तहा कुंडकुंडो ५ ६ ६ ७ ८ तूरवरो कामवंतो य अनंतरासी सिलिसुहो चेव लणो विय सीह विलंगो पते किलिया ज क, ख क ख सोहवलोगो छियंगो य जे पम्हायणो ख क. ख क ख जोइप्पभं आवूरेंतो ग्र नहमगं "चरिते नाम पव्वं सम्मत्त उद्देश-५७ सम्मेल जुम्वेक्षं जे क, ख क, ख अवसउणा क. ख जे. क, ख "करा जुद्धसंनद्धदेहा जे विमलनहुपदं णिग्गया सूरवीरा इति प पते सविड़ि क, ख । · जे विग्घसोमणो उत्तरार्द्धगाथा नास्ति For Private & Personal Use Only क, ख जे, क. ख जे क, ख जे नलनीला ह क, ख 'नीला तह य जब जे जायामितो क पीयंकरो "द्धि अंधसारी क, ख जे, क, ख ख जे क क, ख जे ८ वजेवाभी मे ९ कुहरो ति खो, तह ९ १० ११ १२ १२ १२ १२ क, ख १३ १३ १३ १४ १४ १५ १५ १५ १९ १९ २० २० चन्दाउहो संकरो य 'ओ य चलो २४ २६ २६ २७ काली, कलिंग चंदु सुरज्जुभ भीमो महारहो सुसेणो य घसो, मणहरो मह मथा य सारो रक्खेव खणक्खेमो पते १६ राया य भेंडमाली १७ पचमादी १९ १९ १९ खोभो तहा मादीया पते नरेंद मग्गे २२ ल-तुमला' २३ २३ विमाणठिया गयण मुगमा मुगम का हुंकार 93 क, ख २९ " जे २९ हज २९ मतीया ३० जे " कणी शावंत क जगमो जनपेमो रहपेम्मो रहदो सायरो य जिण जे शिणमयादी कइसिनं 39 क क, ख जे जे, क, ख क, ख क, ख क, ख ख जे क, ख क, ख मयपक्खि बहुविहो विय । ' जे भिया य वसुमई, क, ख जे वसुमती भ्रमणुष्ण-भावेणं साविता क, ख ख ख क, ख जे www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
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