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________________ १४९ १४९ १४९ ७ १ किकिधि २ नमरविणएण एसो २ समरवलियाण ४ ५ सुचंता ५ उहदीहनीसासे ५ दंमणं ५ विचिन्तन्ती ६ अंगुलेयओ ६ कुसलमादी परमपमोयागया पुणो चिय १० error ~ ~ * 2 * & १० ११ ११ १० जं तुम्भ तीए ११ विश्वायकित्ती परिवा पापयन्ती ३५ प जे. क, ख "लंकाहिगमणं मु, जे क, ख मणं तिप्पन्नासइमं क, ख नाम पत्र जे सन्मतं १२ उद्देश-२४ १२ १४ वरुणं १८ - क साहित्राणो पवत्ताए गाधाधिक जइ वि तुम पर देखे, अंतरिओ गिरिवरेषु तुंगेसु । तवि तुम समरिजसि, जहा सर रायहंसेहिं ॥ जे ११ "समु दुलेग दियहे पडिवत्तं "यं विविदु देह मण १७ गरुयं क, ख 'पागारा जे २. सतिकिसि २० क, ख Jain Education International क. ख क जं तीए तुच्छ सं जे तो मे मरणं धुवं जे 'सागर पडिया कख जे मु, क, ख क, ग्व क. ख जे क, ख जे क, ख 33 33 क, ख 33 99 क जे जे, क, ख जे २० २१ २२ २३ २४ २४ २४ २५ २५ २६ २६ २९ २ ३० ३० ३० ३० ३१ ३२ ३४ ३४ ४५ ४५ ४७ ४ ४ संगाम सोण्डीरा ख केटी किलो चईसी रो धीरो महेन्दकेऊ पवणगती पते मज्झत्थो भिउडी कुडिलाय मुद्दो घित्तण देइ ह सेतो "बरें दो सुरभिगंधो लंकाभिमुद्दा सायर जलस्स नयरस समा जिणिऊणा ७. पाठान्तराणि पुणो इइ प नाम प च उप्पनं सम्मतं क, ख जे क, ख उद्देश-५५ इतो लं समुज्जु यं जे, क, ख जे गुर अणिवयं ता जे, क, ख जे पयासिंति पसाहिति एते किि इणी बहुया क क, ख २५ प २५ आपूरमाणमवणं, जे गयणे ३५ क, ख २७ वरादीसु जे ३० लंकाभिमु २८ लोगपाल ४३ ४४ जे क क, ख जे क, ख 33 33 23 32 १० ११ [११] मुंबई ११ विहा १२ विभव १२ ततो १२ पूरयसि १३ १४ "यं विम "चरपामार करे १४ क, ख १४ १५ १६ १६ १७ तहेव वे १७. संज्ञायारा "दीवाहिवा १७ १९ क, ख जे क, ख जे जे क, ख क जे, क जे क क क ५ ६ 32 ७ ८ ८ १० २२ २३ "तणय इमाइ २३ २६ २७ २७ इत्य २८ २० ३१ "दरसमिदि इन्दई तओ भणइ । जे अहिगारो 'ऊण पडिस ऊ अरिसत्थं सयले वसुमतीप + १९ आमरिगए "स्स उवडिओ २० भाणुकण्णेदि निक्खामउ २१ २२ भणियमित्तो २२ भणियमेत्ते २२ हरे तुम्हेहिं न जी पणयं विभीषणो वरपुरीओ घोरो य कालायम गिव्हइ विभीषणेण सिओ पुरिसो कारण महसागरो छउमेण For Private & Personal Use Only जे जे, क क :3 , क जे जे, क, ख जे जे क, ख जे क, ख जे, क. ख क ख जे जे, क, ख जे ख क, ख जे क, ख क जे जे क, ख जे ३१ विभीस ३२ ३४ ३५ ३५ ३५ ३५ क, ख ३६ हे ओयण, जे ३० विद्दणं सड़ी ३८ पिय वक्खाणं ३९ अहदेव ३९ महादेवा ३९ अधणा ४० पि ४३ लएन्ति ४.४ सोमेण ४४ ४४ ४५ ४६ १८ ४८ ४९ ४९ ४१ ५१ ५२ अनं पिप पगमणो जे, क, ख गिरिभूदी गोभूदी क ख जे, क, ख जुवाणा मिसे जे सूरा महिला मदी ५३ ५३ बहूणा य ५४ ससिनामा ५४ भाविसालीया ५५ जोइसडण्डा ५६ एते क, ख ख ५६ उहादीसु क, ख ५६ पूपति जे ५७ अक्खोदणी मादिपि हि विवा दियहे "ण तस्थ व कामिन्डा मेहणिभा गंधण्वा गीयरवा, २०१ सुव्वय तह सोया वि 29 क क ख जे क सहोदराणं जह य गिरीगोभूई तह जे साहित सिट्ठे ५८ ५९ सहियं ६० पुण्णोदएण पु ६० भवन्ति 13 "" 39 क जे, ख जे क, ख 393 जे क, ख जे जे क, ख 31 33 क जे क, ख जे क, स्त्र जे, क, ख जे क, ख जे www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
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