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________________ ४४ २. प्रथम परिशिष्ट के वर्ग-विशेष किरिधि कुम्बर कुलणदण कोलावसुंदर खरदूसण गंगाहर गंधव गंभीर गयणविज्जू गणिदु घणवाहण दूसण देवरक्ख दोचूड नंदिमालि नंदीसर नक्षत्सदमण नमि नयणाणंद नलकुब्बर निवाणभत्तिमंत पउमनिह पउममालि पउमरह पदिसुजअ माणसवेग मारुइ मेघप्पभ मेरुदत्त मेरुमहानरव मेहरह मेहवाहण मेहसीह विजंगय विजासमुग्घाम विज्जुते विज्जुदत्त विज्जुदंत विज्जुदाढ विज्जुप्पभ-ह विज्जुवेग सेण हंसरह हणुभ हय हरिचंद हरिणाह हरिवाहण हिडिंब हिमराय पउमाबई पीइमई भोगवई मंदाइणी मणवेगा मणसुंदरी मणोरमा माणससुंदरी विज्ज माहवी रयणकेची रयणचित्त रयणाडि रयणमालि चंदंक चंदगइ पटिसूर विज्जूमुह विणमि वियड विराहिम विरियदत्त विसाल विसुद्धकमल वीससेण वेलाजक्ख वोमबिंदु संबुक्क रयणरह रयणवज चंदचूर चंदनह चंदरह चंदवद्धण चंदवयण चंदसिहर चंदोयर चकंक चकार चाउंडरावण चित्तभाणु जम अयंत जयाणंद जलकंत अलणजलि जलणसिह जियभाणु पल्हाभ पवण पवणंजय पवणगइ पवणवेग पसनकित्ति पीइंकर पुंडरीय पुणव्वसु पुण्णघण पुण्णचंद पुरचंद पुरंदर रविकित्ति रविकुंडल लद्धियास वज वजक वजंधर वजचूड वजदत्त रइवेगा रयणसलाया रयणसिरी रयणावली लच्छी बज्जसिरी विज्जुपमा वेगवई संझादेवी सच्चमई सर्वपभा सयहुया सम्वसिरी सिरिकता सिरिचंदा सिरिदामा सिरिदेवी सिरिपभदेवी सिरिप्पमा सिरिमई सिरिमाला सिरिरंभा सिरी सुंदरमाला सुंदरी सुप्पभदेवी सुप्पभा सुमंगला सुमणा हरिमालिणी हिययसुंदरी हेमवई हेहय स्त्री अंजणा-सुंदरी अंसुमई अणंगकुसुमा अणंगसरा अणुराहा असोगलया आइञ्चकित्ति आवली आहका उवरंभा कणयसिरी कणयाभा कणयावली कित्तिमई केउमई कोसिय गंधव्वा गंधारी गुणमाला चंदमई चंदमुही चदलेहा चंद्वयणा जयचंदा तडिप्पभा तणुकंचु तरंगमाला नंदवई पउमा बाल सयलभूसण ससंक संसंकधम्म ससिकुंडल ससिमंडल सहस्सनयण सहसार साहसगइ सिरिकंठ सिरिसेल सीहचूड सीहविक्कम सुजड सुंद सुरसन्निभराय सुरसुंदर सुवज सुवयण सूरखेयरिंद वजद वजपाणि वजबाहु बज्जवरनयण बजसंघ वज्जसुंदर वजसुजण्हु वज्बाउह वज्जाउहपंजर म मयधम्म मयारिदमण मरुनंदण महाबल महिंद महिहर महुच्छाम महोदर माकोड तडिकेस तडियंगय तडिवेग तिउरामुह तिचूड तिजड दढरह वजाभ वज्जास वाउकुमार वालिद विजयसीह दुराणण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
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