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________________ ४३ विचित्तमाला विसका ससिचूला सहदेवी सिरिकता सीया सीहिया सुभदा सुभा सुमंगला सुमणुस्सुया सुमित्ता सुरकता सोमित्ती हिमचूला (२) म्लेच्छ पुरुष आयरंग कहभइ स्त्री वणमाला (मिल) (३) राक्षस पुरुष भंगारम अमियवेग अरिसंतास अकहभत्तिमंत आइचगह आइचगइकुमार अंध, अंधकुमार अमरप्पभ आइथ,-रय काव्य किकिधि खेयरनरिद गयणाणद गिरिनंद चंदजोई चंदरस्सि अयाणंद नल नील पडिइंद पषणगइ बालि दसग्गीव दसाणण दहग्गीव दहमुह दहवयण निग्घा पमोय पवणुत्तरगइ पहिअ पूयारह विभीसण विहीसण भयवाह भाणुकण्ण भाणुरक्खस मीम भीमप्पह भीमरह । मऊह मणोरम मयारिदमण महतकित्ति महकतजस महगइ महण महबाहु महरव महारक्सस मालवंत मालि मेहज्झाण महप्पभ मेहवाहण रक्खस रयणक्ख रविरक्खस रविते रविरह रविसत्तु रामण रावण सिरिमाला सुंदरी सुतारा सुरमई सरकमला हरिकता हिययधम्मा हिययावली (५) विद्याधर पुरुष अइभीम अंगारम अक्वजनि अकते अणिल अमरसुंदर अरिंदम असणिघोस असणिवेग अस्सायर अहइंद आइन्चरक्ख आइचरय आउह आणंदमालि आयासबिंदु आसद्ध सुग्गीव २. प्रथम परिशिष्ट के वर्ग-विशेष रिउमण चंदवयणा लंकासोग तडिमाला लवण दीविया देवी बजमज्झ नंदा वजमालि पउमगन्भा वजमुह पउमा बजिदु पउमावई वण्हिकुमार पभावई विभीसण पीइमहा विहीसण पीई संपरिकित्ति भद्दा सिरीगीव भाणुमई सिरिमालि भाणुवई सीहवाहण मंदोदरी सुकेस मणवेगा सुकेसी मणोरमा मयणपउमा सुभाणुधम्म माहवी सुभूसण मिगावई सुमालि रइवेया सुमुह रंभा सुरारि रयणमाला सुन्धत रवि सूर रूप्पिणी हरिग्गीव लंकासुंदरी स्त्री लच्छी भणंगसुंदरी वसुंधरा आउणह विमलाभा आसिणिदेवी संझावली इंदाणी ससिमंडला उब्वसी सिरिकता कंता सिरिदत्ता कणयपभा सिरिप्पभा कणयावली सिरिमई कमलसिरी सुंदरी कयचित्ता सुष्पभदेवी कित्ति (४) वानर केकसी चंदणक्खा भइबल चंदणहा मंगल, भंगकुमार मंदर गरुअकुमार महोयदिख रविप्पभ रिक्खरअ बजकंठ बालि सुग्गीव स्त्री अणुधरी इंदमाली कमलनामा गुणवई चंदाभा चारुसिरी जिणमई तारा पउमराग पउमामा मणोवाहिणी मयणूसवा विज्जुप्पभा सिरिकता सिरिप्पमा इंदधणु इंदप्पभ इंदमेह उग्गसिरी कित्तिधवल इंदाउहप्पभ इंदामयनंदण उअहि उइअ कणगप्पह कुंभकण्ण गयारि गहलोम पणवाहण पुरुष कणय कणयरह कमलसिरी कासख्य बंबुमालि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
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