SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 277
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३२ १. व्यक्तिविशेषनाम सरसा विप्रवधू ३०.६०,६१,७०, ससंकधम्म ससि-१ सरस्सई पुरोहित महिला १०३. सरह-१ ससि-२ राक्षसभट ८.१३२ इक्ष्वाकुवंशीय राजा २२. ससि-३ ,,-५ सल्ल-१ सल्ल-२ ससिअ ससिकुंडल ससिचूला ससिपभ ससिपिभ-१४ ससिपह ससिप्पभ-२ सम सम्वकित्ति सबगुत्त-१ गृहपति इंद का पूर्वभव १३२७,२८ रावण का मंत्री ४६.९२ चंदमंडल का वैरी ६३.२० विद्याघर राजा इंद के पिता ७.१, १६५, १२. ३१; = सहस्सार १२.७४ ७५; १३.१,२.७,१० वानरयोद्धा ५७. १९: = सायर ५४.२२ मुनि, चौथे वासुदेव का पूर्व जन्मनाम २०.१७१ रावण का दूत ६५.८, १०,११ (देखो सागर) मुनि, आठवे बलदेव के पूर्वभवगुरु २०.१९३ देसभूसण और कुलभूसण के विद्यागुरु ३९.८८ वानर भट ६७.११ वणिक् १०३.९.१. इक्षाकुवंशीय राजा ५.४ नमित्तिक २३.१० वानरभट ५७.१३ ससिमडल-१ -२ विद्याधरवंशीय राजा ५.४४ सहस्सभाअ आठवें तीर्थकर ५.१४७:पभ ९९१; - पभ १.३; सहस्समइ (देखो चंदपम) सहस्सविजअ रंभक का शिष्य ५.९४, सहसार ९५, ९८ १११ = ससिअ ५.९९,१०४ ७ ४७ इंद का पूर्वदिशा का लोकपाल सागर ( देखो ससि) विद्याधर राजा ६.१६६ सागरदत्त लवण की रानी ९८.२ देखो ससि-१ सामत इक्ष्वाकुवंशीय राजा ५.५ राजा, चक्रवर्ती मघवा का सायर पूर्वभवनाम २०.११० सायरघोस-१ वानरयोद्धा ५९.३८ सुरगीव(यपुर का विद्याधर राजा ६३. १९ रावण की स्त्री ७४.९ इमाकुवंशीयराजा २२.९७ सायरदत्त वानर सुभट ११२.२ सायरभद्द चक्रवर्ती मणकुमार के सायर विहि पिता, गयपुर का राजा सायरसर २०.१२४ सार दृवाकु रानी, सुकोसल की माता २१.७९,८९ २२.२,३०,४४ माहेसर नगर का राजा, साल रावण द्वारा पराजित १. ५७; १०. ५४, ८१; सावित्ती-१ २२.१०२; = सहस्सकिरण १०.३४,५५,५८,६२, ६३, साहसगइ ६६६७६८७५,७६,७९, ८३,८६,८७,८८ राक्षसभट ५६.२९ गयणवलहपुर का विद्याधर राजा ५.६७,७०,७२, ७३,७५,७९,१११,११२, साहा सव्वजणाणदयर ससिमंडला ससिरह ससिवद्धण सहदेव वानर योद्धा ६२.३२ लक्खण का पुत्र ९१.२० दाशरथी राम का सहायक राजा ९९.४९ बानरभट ५४३४ दाशरथी भरह सह दीक्षित राजा ८५.२ राजा ३२.२३ लक्खण का पुत्र ९१.२५ मंत्री १०४.३,१०१५,१६, २०. सीया को दीक्षा देने वाले मुनि १०२.४८ मुनि, नवे तीर्थकर के पूर्व जन्मगुरु २०.१८ जिन अणंत की माता २०.४० वानरभट ५७.५ वानर भट ६७.१० ६७.१० दसरह के दीक्षागुरु १. ६८;३०.२८, ५९:३१.२: = सवभूयहिअ ३१. ३४, = सव्वसत्तहिअ २९.३६: ३१.३४ वानरभट ५७.५ विद्याधर रानी १३.४५ मुनि, तेरहवें तीर्थकर के पूर्वजन्मगुरु २०.१९ सप्तर्षि ८९.२ विद्याधरवंशीय राजा ५.४३ राक्षसभट ५६.२८ दाशरथी भरहसह दीक्षित राजा ८५.२ सवजसा सम्बदसरह सम्वदुट्ठ सम्वपिय सबभूयसरण सहदेवी सारण रावण का मंत्री ८.१६. १३३,२७४, १२.९२:४६. ११:५३.९२:५६.२८:५९ २,८,६१.१०,७१.३४ वानरभट ५७.११ ब्राह्मणी ८२.८२ सहसकिरण "-२ सव्वसार सव्वसिरी सबसुगुत्त सव्वसुंदर ससंक-१ सहसक्ख सहस्सनयण विद्याधर राजकुमार तारा के वर सुग्गीव का प्रतिस्पर्धी १.५६,७६१०.३, ११,४७.४३,४५,४६,४७: ५१. १७, १८, १९, २३; ५३.३५ बाह्मण विणोअ २ की स्त्री ८२.४७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy