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________________ १. व्यक्तिविशेषनाम संपरिकित्ति संपुष्णिदु सच्चरुइ सच्चास संब राक्षसवंशीय राजा ५.२६० दाशरथी भरडू सह दीक्षित राजा ८५.५ कण्डपुत्र १०५.१५ खरदूसण का पुत्र १.७३, ४३.१८,१९२१,४४.२९: १६.२५,४९.४ : ९५. २२: ९८.४३:११८.३,१२.१५ धनिक ५.१०१ तीसरे तीर्थकर १.२५. १४७,९.९१,२०.४, २९: गृहपति ४८.६३ दाशरथीभरह सह दीक्षित राजा ८५.३ विद्याधर सुभट ९९.६४ राजा ३२.२२ चौथा चक्रवर्ती ५. १५३; २०. ११३. १२४, १३७, समाकुद्ध समाण समाहि समाहिगुत्त समाहिबहुल समुद्द सच्छद सढ संगकुमार संबुक राक्षसभट ६१.२८ बानरभट ५७.३ वानरभट ५७.९ मुनि १०३ ८२ वानग्भट ६७.११ वेलंधरपुरका राक्षस राजा ५४.३९,४०,४१,४२ वणिकू १०५.८२ मुनि ८८.३५ जिन नेमि के पिता २०.४८ जिन विमल को माता २०.३९ द्वितीय कुलकर ३.५२ वानरभट ५७.११ संभमदेव संभव-१ सत्तहि सत्तुज समुद्ददत्त समुद्दमुणि समुद्दविजअ सम्मा .. संभिन्न सम्मुइ सम्मेअ-१ सम्मेअ-२ सयवाहु संभू माहेसर का राजा सहसकिरण के पिता १.. संभूअ-१ सयंपभ मुनि, दूसरे वासुदेव के पूवजन्मगुरु २०.१७६ राक्षसयोद्धा १६८७ राक्षसयोद्धा ५९. २, १२, १४,६१.२६ इक्षाकुवंशीय राजा ५.४३ राजा, वारहवें चक्रवर्ती का पूर्व जन्मनाम २०.१५५ मुनि, प्रथम वासुदेव के पूर्व जन्मगुरु २०.१७६ हरिवंशीय राजा २१.९ मुनि, सत्तरहवें तीर्थकर के पूर्वजन्मगुरु २०.२. मुनि, अट्ठारहवे, तीथंकर के पूर्वजन्मगुरू २०.२० जिन अभिणंदण के पिता सयंपभा-१ संवर-१ सत्तुंदम मुनि ६३.३२ दसरह-पुत्र शत्रुघ्न ३२. ४७ - सत्तुग्घ २८.१०० ३७, २०, ३९.८६. १, ३, ७, १०,११,१३,२३.२७. ३०, ३८, ४२. ५२, ५३, ५४.५५:८७.१७,१८:८८. २,३,३७,३८,४२,८९. ३४,३६,३९.४१,५०,५२, ५८,६३:९८.४१; १... ४०,६०:११३.६८ ७० ११४. १, १८ = सत्तुग्घण २५.१४; = सत्तुग्घय ३८. ३ः = सत्तुनिहण १.६६% सत्तुहण ८०.३८ खेमंजलीपुर का राजा ३८.३९, = सत्तुदमण ३८. २७,४५,५१: (देखो अरिदमण) और जियसत्तु राजा ३२.२२ देखो सत्तंज मुनि, दसवें तीर्थकर के पूर्वभवगुरु, २०.१८ ब्राह्मणी, पचय की माता ११.९,१३,१५,१९ वणिक् ३३.६५ वानरभट ५९:१४ राक्षसभट ५६.३८ वानरभट ५७.११ छठे वासुदेव के पिता २०. १८२ सयंभु-१ मुनि, तीसरे तीर्थकर के पूर्वजन्मगुरु २०.१७ मंदोयरी को बहिन १०. ८० प्रथम वासुदेव की पटरानी २०.१८६ राक्षस भट ५६. २७:५९. २,१५:६१.२६ तोसरे वासुदेव ५. १५५; ७०. ३४: रावण का पूर्वजन्मनाम, १०३.९१,९७, ९९,१००, १०४,११९, १३६, १३७, सत्तुदमघर सत्तुनिहण । सत्तुहण सक विद्याधर राजा इंद १२. ८२. १३२; १३.११, १९. सत्था १४. सत्थिमई सगर, सयर सद्दसंगम सयलजणभूसण द्वितीय चक्रवर्ती १.४१,५.. ६३, ६८, १४३, १५२ १६८, २०२, २१३, २०. १०९ = सयर ५.१७२, १.३,१७५. १७६, २१५, २१६ हणुअ की स्त्री, वरुण की पुत्री १९.३२ सद्दल सद्दलकीलण ( देखो सगर) विद्याधर राजा, मुनि १. ८५; = सयलभुसण १.१. ५५,५७, ५९,६१,१०२. ५७,१८०१०३.१,१२४, १६३,१०४.११.५.२ विद्याधर रानी १.६.१ सपक्ख समसुद्ध सच्चमई सयहुया Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
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