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________________ साहुवच्छल सिद्धत्थ- १ सिद्धाय-२ "-3 18 सिद्धि सिला सिरिकंठ सिरिकंत सिरिकंत सिरिकंता - १ ,,-२ ,-३ ,, - ४ ,,-५ सिरिगीव . सिरीगुत्त सिरिचंद - १ ,-२ 2-18 वानर भट ५७.१८ महावीर के पिता २.२१; २०.५० बाईसवें तीर्थंकर का पूर्व भवनाम २०.१५ मुनि नवें बलदेव के गुरु Jain Education International २०.३०६ दाशरथी भरद्दसह दीक्षित राजा ८५.२ देवपि लब और कुस के विद्यागुरु ९७.१३,२०,२१, २२,९९.८,९, ३७ १००. २६, २९ १०१.४२, ४६, ४७,१०४.३२,३३ देखो को डिसिला ४८. १०८ वाणरदीव का प्रथम विद्याधर राजा ६.३, ४, ६, ८, १२, १८ २४, २८, ३६,३८, ४२६३.६४,७४ सीयास्वयंवर में उपस्थित राजा २८.१०१ श्रेष्ठी, रावण का पूर्वभवनाम १०३.११, १२,९१, ११९ ८२,८६ वालिका मंत्री ४७.१९ सिरिषदा सिरितिलअ-१ सिरिदत्ता सिरिदामा - १ सिरिदास सिरिदेवी सिरिधम्म सिरिधर-१ सिरिघरा सिरिनंदण सिरपमदेवी सिरियभा-१ " -२ विद्याधररानी ८.१८७ वानर सुग्गीव की पुत्री ४७.५३ रावण की स्त्री ७४.१० दाशरही भरह की प्रणयिनी ८०.५२ रानी १०३.३९, ४२ राक्षसवंशीय राजा ५.२६१ कौटुम्बिक ३३.२४ पुष विदेह का राजकुमार, मुनि, आठवें बल-. देवका पूर्वभवनाम २०- सिरिमाला १९१:१०३.६१, ६५,८१, " -२ -२ " - ३ " -३ सिरिमंत सिरिभूइ - १ 39 १. व्यक्तिविशेषनाम सिरिमई १ " तडिकेस की प्रणयिनी ६. १०२ सप्तर्षि ८९.२ मुनि १०४.२८ गवण की स्त्री ७४.९ रानी ८२.३५ दाशरथी राम की विद्या धर रानी मणोरमा की बहिन ९०.२८९१.१८ श्रावक ११८.६६ विद्याधर रानी ९.५२ राजा, उन्नीसवें तीर्थंकर का पूर्वभव नाम २०.१५ सीया स्वयंवर में उपस्थित राजा २८.१०२ लक्खण का पुत्र ९१.२०२२ सीडोवर को रानी २२. ७१ = सिरिहरा ३३.७२ सर्पियों के पिता महापुर का राजा ८९.३,६ विद्याधररानी ५.२३३ - वानर रानी ६.८३ विद्याधर जम की माता ७.४६ वानर सुग्गीव की बहिन, रावण की स्त्री ९.४,२८,५० राजषी ३९.०१ ०९.१ वानरदूत ४८.१२४; ४९.१ पुरोहित, लक्खण का पूर्वजन्मनाम १०३.९२, ९५,९८,९९ अहदकी रानी, सिरिकंठ की माता ६.३ सुतारा की माता १०.२ रावण की स्त्री ७४.९ आर्यिका ११४.२१ विद्याधर राजकुमारी, किकिंधि की रानी १. ४४:६.१५८, १६०, १६५, १७२, १७३, २०७, २१४ For Private & Personal Use Only सिरिमालि सिरिरंभा सिरिवक्ख सिरिवद्धण- १ »-२ ,,-३ सिविडिय सिरिसेणराय सिरिसेल सिरिहरा सिरी सिलाकवराड सिलाधर सिलीमुह खियंकर सिवा विहि-१ -२ सिद्धिमूह सीइंद सीमंकर सीमंधर- १ -२ - ३ ३३ मालवंत का पुत्र १२. ९७,९८, ९९, १०२, १०३, १०४, १०५ विद्याधररानी ६.१७० हरिवंशौयराजा २१.३० राजा. संजयंत मुनि का पूर्वभव नाम ५.२९.३१, ३६ हरिवंशीय राजा २१.२९ देखो नंदिवर्द्धण ३ ८२.९२ पोयणपुर का राजा ७७. ८२,८६,८७,८८,९६, ९७, ९८,१०५, ११३, ११७ राजा १५.१९ हणुन का अपरनाम १७. २०:१८.१; १९.११, ३५; ४८. १२३ ४९.१५, २२: ५२.१५:५३.८२; ७१.३५, ४३, ४४९०.१८९९.६६ १०८.५० देखो सिरिधरा विद्याधर रानी १०१.५७ महिंद -१ का द्वारपाल १७.१५ गृहपतिपुत्र ४८.७८ राक्षसभट ५६.३६ पांचवें वासुदेव के पिता २०.१८२ जिन नेमि की माता २०.४८ श्रावक १२.३२ विद्याधरयोद्धा १२.९८ सीयास्वयंवर में उपस्थित राजा २८.१०२ राक्षसयोद्धा ५६.३० देखो अग्भूि १०५.२० देखां सीया पाँचवें कुलकर ३.५३ छठें कुलकर ३.५३ मुनि, पांचवें तीर्थंकर के पूर्वजन्मगुरु २०.१७ पुंडरीगिणि के तीर्थंकर २३.४, ५ www.jainelibrary.org
SR No.001273
Book TitlePaumchariyam Part 2
Original Sutra AuthorVimalsuri
AuthorPunyavijay, Harman
PublisherPrakrit Granth Parishad
Publication Year2005
Total Pages406
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, Story, & Jain Ramayan
File Size11 MB
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