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चन्दन, सुमन आदि की जितनी, सुरभि विश्व शील धर्म की अक्षय मोहक,
भूमिका
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पवन - प्रताड़ित एक ओर ही, अन्य सुगन्ध शील - सुगन्ध किन्तु जगती के,
सुरभि श्रेष्ठ सबसे बढ़ कर ॥
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महकती है ।
कण कण मध्य गमकती है ॥
में है सुन्दर ।
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- उपाध्याय अमर मुनि
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