________________
मान्धाता अभिलेख
१००. के लिये एक १ पद टकारी स्थान से निकल कर आये भारद्वाज गोत्री, आंगिरस वार्हस्पत्य
भारद्वाज त्रिप्रवरी १०१. ऋग्वेद शाखा में वृद्धिंगत होने वाले मिश्रधर्मधर शर्मा के पौत्र पंचपाठी मिश्र उद्धरण
___ शर्मा के पुत्र पंडित १०२. श्रीकण्ठ शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ पद लखणपुर से निकल कर आये काश्यपगोत्री
काश्यप अवत्सार नैध्रुव १०३. त्रिप्रवरी चतुर्वेदी भूपति शर्मा के पौत्र पंडित विद्यापति शर्मा के पुत्र ऋग्वेद शाखा में
वृद्धिंगत होने वाले द्विवेद १०४. गोवर्द्धन शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ पद तोलापौह स्थान से निकल कर आये चंद्रात्रेय
___ गोत्री आत्रेय गाविष्टर १०५. पूर्वातिथ त्रिप्रवरी दीक्षित श्रीवत्स शर्मा के पौत्र दीक्षित देवशर्मा के पुत्र माध्यंदिन शाखा १०६. के अध्यायी दीक्षित वामन शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ पद टकारी स्थान से निकल
कर आये वशिष्ठ गोत्री १०७. वशिष्ठ शक्ति पराशर त्रिप्रवरी वलभद्र शर्मा के पौत्र साधारण शर्मा के पुत्र माध्यंदिन १०८. शाखा के अध्यायी अवस्थिन् आनन्द शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ पद टकारी स्थान से
निकल कर आये भारद्वाज १०९. गोत्री आंगिरस वार्हस्पत्य भारद्वाज त्रिप्रवरी शुक्ल प्रद्युम्न शर्मा के पौत्र द्विवेद ११०. सोलुण शर्मा के पुत्र माध्यंदिन शाखा के अध्यायी द्विवेद हरीश शर्मा ब्राह्मण के लिये
एक १ पद १११. टेणी स्थान से निकल कर आये काश्यप गोत्री काश्यप अवत्सार नैध्रुव त्रिप्रवरी ११२. उपा. देवशर्मा के पौत्र उपाध्याय वैजूशर्मा के पुत्र माध्यंदिन शाखा के अध्यायी द्विवेद
(चौथा ताम्रपत्र-अग्रभाग) ११३. महादेव शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ पद टकारी स्थान से निकलकर आये कात्यायन
गोत्री विश्वामित्र ११४. कात्यय किल त्रिप्रवरी पाठिन् कूल्हण शर्मा के पौत्र अवस्थिन् आलदेव शर्मा के पुत्र ११५. माध्यंदिन शाखा के अध्यायी द्विवेद हरिदेव शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ पद टकारी
स्थान से निकलकर आये भारद्वाज ११६. गोत्री आंगिरस वार्हस्पत्य भारद्वाज त्रिप्रवरी द्विवेद गजाधर शर्मा के पौत्र अवस्थिन्
वीकूदेव शर्मा के ११७. पुत्र माध्यंदिन शाखा के अध्यायी द्विवेद अनन्त शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ पद टकारी
स्थान से निकलकर आये ११८. आत्रेय गोत्री आत्रेय गविष्ठिर पूर्वातिथ त्रिप्रवरी पाठक कृष्ण शर्मा के पौत्र पाठक
अत्रि शर्मा के पुत्र ११९. माध्यंदिन शाखा के अध्यायी पाठक योगेश्वर शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ पद टकारी
स्थान से निकल कर आये वशिष्ठ १२०. गोत्री वशिष्ठ आभरद्वस्व इन्द्रप्रमद त्रिप्रवरी समुद्धरण शर्मा के पौत्र त्रिवेद दामोदर शर्मा
के पुत्र १२१. कौथुम शाखा के अध्यायी त्रिवेद नारायण शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ पद टकारी
स्थान से निकल कर आये
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org