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________________ मान्धाता अभिलेख २९१ भौगोलिक स्थानों में वडोव्यपत्तन का तादात्म्य पठारी के पास वडोह ग्राम से किया जा सकता है। (मूलपाठ) १. ओं [1] सं १३२६ वर्षे वैसाष (शाख) शु ७ बुद्ध (बुध) दिने २. [पुष्य]नक्षत्रे अद्ये (द्य)ह वडोव्यपत्त ने] सम[स्त] राजा३. वली सहित (ते) जैसिंघ (ह) देव राज्ये तस्मिन्का४. ले वर्त (त) माने गौडान्वये पं दोदे [सुत ५. प्रं (पं) महणसी (सिं)ह सुत पं रणसी (सिं) हेन ६. वाटिका उद्यापनार्थे कीर्तिस्थलो- . ७. यं (लमिदं) [1] अलं भवत (तु) श्री[:] [1] (हिन्दी अनुवाद) १. सिद्धि हो । संवत् १३२६ वर्ष में वैशाख सुदि ७ बुधवार को २. पुष्य नक्षत्र में आज वडोव्य पत्तन में समस्त श्रेष्ठ राजाओं ३. सहित जयसिंहदेव के राज्य में उस काल में ४. वर्तमान गौड वंश में पंडित दोदे के पुत्र (पौत्र) ५. पंडित महणसिंह के पुत्र पंडित रणसिंह के द्वारा ६. वाटिका के उद्यापन हेतु यह कीर्ति स्थल (प्रदान किया गया) ७. पर्याप्त हो। श्री। (७६) मान्धाता का जयसिंह-जयवर्मन् द्वितीय का ताम्रपत्र अभिलेख (संवत् १३३१=१२७४ ई.) प्रस्तुत अभिलेख चार ताम्रपत्रों पर उत्कीर्ण है जो १९२२ ई. में मान्धाता में काशीविश्वेश्वर मंदिर के पास भूमि ठीक करते हुए प्राप्त हुए थे। ये वहां के रावसाहेब के पास सुरक्षित हैं । इनका उल्लेख ऊषा मासिक पत्रिका के नवम्बर १९५३ के दीपावली विशेषांक में किया गया । इसी पत्रिका के विभिन्न अंकों जनवरी-फरवरी, १९५३, पृष्ठ ४६; मार्च '५३, पृष्ठ १४; नवम्बर '५३, पृष्ठ ४४; दिसम्बर '५३, पृष्ट ११; फरवरी' ५४, पृष्ठ २४; मार्च ५४, पृष्ठ ९; अगस्त '५४, पृष्ठ २७-२८; अक्टूबर-नवम्बर' ५४, पृष्ठ ४१-४२ में थोड़ा २ करके इसका मूल पाठ छपा । परन्तु वह अत्यन्त अशुद्ध है। इसका सम्पादन एपि. इं., भाग ३२, पष्ठ १३९--५६ पर किया गया। अभिलेख आकार में ४४४३४ सें. मी. है । लेख प्रथम ताम्रपत्र पर एक तरफ भीतर की ओर व अन्य तीनों पर दोनों ओर खदा हआ है। सभी ताम्रपत्रों में दो-दो छेद बने हैं जिनमें तांबे की कड़ियां पड़ी हैं । इनके किनारे कुछ मोटे हैं । जिससे ताम्रपत्रों की आपसी रगड़ के कारण अभिलेख को क्षति न हो । कड़ियों समेत चारों ताम्रपत्रों का वजन १६ किलो ४५० ग्राम है । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001130
Book TitleParmaras Abhilekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarchand Mittal, Dalsukh Malvania, Nagin J Shah
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1979
Total Pages445
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Society
File Size9 MB
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