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मान्धाता अभिलेख
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४३. मथुरा स्थान से आये, आश्वलायन शाखा के अध्यायी, भार्गव गोत्री, भार्गव वैतहव्य
सावेतस, त्रिप्रवरी, चतुर्वेद पवित्र के पौत्र, ४४. चतुर्वेद धरणीधर के पुत्र, चतुर्वेद गर्भश्वर शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ भाग; मथुरा
___ स्थान से आये, आश्वलायन शाखा के अध्यायी ४५. काश्यप गोत्री, काश्यप आवत्सार नैध्रुव त्रिप्रवरी, चतुर्वेद समुद्धर के पौत्र, चतुर्वेद देवधर
के पुत्र, चतुर्वेद लोहट शर्मा ब्राह्मण ४६. के लिये एक १ भाग; डिम्डवानक स्थान से आये, शांखायन शाखा के अध्यायी, गौतम
गोत्री, गौतम आंगिरस औचत्थ त्रिप्रवरी, ४७. चतुर्वेद धरणीधर के पौत्र, चतुर्वेद ब्रह्म के पुत्र, चतुर्वेद पुरुषोत्तम शर्मा ब्राह्मण के लिये
एक १ भाग; मुताक्थु स्थान से आये माध्यंदिन शाखा के अध्यायी, काश्यप गोत्री, काश्यप आवत्सार नैध्रुव त्रिप्रवरी, द्विवेद
गोविन्द के पौत्र, द्विवेद वासधर के पुत्र, द्विवेद गदाधर ४९. शर्मा ब्राह्मण के लिये आधा ३ भाग; मुतावथु स्थान से आये, माध्यंदिन शाखा के
अध्यायी, काश्यप गोत्री, काश्यप आवत्सार नैध्रुव ५०. त्रिप्रवरी, दीक्षित गंगाधर के पौत्र, दीक्षित केशव के पुत्र, उदै शर्मा ब्राह्मण के लिये
आधा ३ भाग; महावनस्थान से आये ५१. कौथुम शाखा के अध्यायी, गौतम गोत्री, गौतम आंगिरस औतथ्य त्रिप्रवरी, पंडित मदन के
पौत्र, पंडित कन्हड के पुत्र, पंडित कुलधर शर्मा ५२. ब्राह्मण के लिये एक १ भाग ; टकारी स्थान से आये कौथुम शाखा के अध्यायी, वत्स
गोत्री, भार्गव च्यवन आप्नुवान और्व जामदग्न्य ५३. पंचप्रवरी, त्रिवेद जनार्दन के पौत्र, त्रिवेद नरसिंह के पुत्र, आवसथिक अभिनन्द शर्मा
ब्राह्मण के लिये एक १ भाग; मध्यदेश से आये। ५४. माध्यंदिन शाखा के अध्यायी, मुद्गल गोत्री, आंगिरस . . . मुद्गल त्रिप्रवरी, अग्निहोत्र
छीतू के पौत्र, अग्निहोत्र धरणीधर के पुत्र, ५५. अग्निहोत्र अनन्त शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ भाग; मध्यदेश से आये, माध्यंदिन शाखा
के अध्यायी, शांडिल्य गोत्री, शांडिल्य असित ५६. देवल त्रिप्रवरी, याज्ञिक नागदेव के पौत्र, याज्ञिक कृष्ण के पुत्र, याज्ञिक स्थानेश्वर शर्मा
ब्राह्मण के लिये एक १ भाग; मथुरा स्थान से ५७. आये आश्वलायन शाखा के अध्यायी, धौम्य गोत्री, काश्यप आवत्सार नैध्रुव त्रिप्रवरी,
चतुर्वेद विष्णु के पौत्र, चतुर्वेद साधारण के पुत्र ५८. चतुर्वेद उधर शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ भाग; मथुरा स्थान से आये, रानायनीय शाखा
के अध्यायी, भारद्वाज गोत्री, आंगिरस ५९. वाहस्पत्य भारद्वाज त्रिप्रवरी, त्रिवेद माधव के पौत्र, त्रिवेद सोमेश्वर के पुत्र त्रिवेद कुलधर शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ भाग; ।
(तृतीय ताम्रपत्र-अग्र भाग) ६०. मथुरा स्थान से आये, रानायनीय शाखा के अध्यायी, भारद्वाज गोत्री, आंगिरस वार्हस्पत्य
भारद्वाज त्रिप्रवरी, त्रिवेद ऋषि के पौत्र, त्रिवेद
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