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परमार अभिलेख
२५. आश्वलायन शाखा के अध्यायी दी क्षित गंगाधर के पं.त्र आवसथिक महादित्य के पुत्र
शुक्ल भद्रेश्वर शर्मा ब्राह्मण के लिये २६. एक १ भाग; महावनस्थान से आये पवित्र गोत्री, गर्ग गौरि वीतांगिरस त्रिप्रवरी,
आश्वलायन शाखा के अध्यायी दीक्षित सिंहकण्ठ २७. के पौत्र, शुक्ल मधुकण्ठ के पुत्र, शुवल चन्द्रकण्ठ शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ अंश;
महावनस्थान से आये औदित्य गोत्री २८. माध्यंदिन शाखा के अध्यायी, दीक्षित पद्मस्वामि के पौत्र, दीक्षित त्रिलोचन के पुत्र, दीक्षित
नारायण शर्मा ब्राह्मण के लिये डेढ़ १३ भाग; २९. महावनस्थान से आये, कात्यायन गोत्री, सामवेद के अध्यायी, त्रिवेद रामेश्वर के पौत्र,
त्रिवेद यशोधर के पुत्र, त्रिवेद सूरशर्मा ब्राह्मण के लिये ३०. एक १ भाग; टकारीस्थान से आये, भारद्वाज गोत्री, भारद्वाज आंगिरस वार्हस्पति त्रिप्रवरी,
कौथुम शाखा के अध्यायी, ३१. त्रिवेद डालण के पौत्र, त्रिवेद आशाधर के पुत्र, त्रिवेद विश्वेश्वर शर्मा ब्राह्मण के लिये
एक १ भाग; टकारीस्थान से आये, भारद्वाज । ३२. गोत्री, भारद्वाज आंगिरस वार्हस्पत्य त्रिप्रवरी, माध्यंदिन शाखा के अध्यायी, दीक्षित
केल्हण के पौत्र, दीक्षित मध के पत्र, दीक्षित राम ३३. शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ भाग; त्रिपुरी स्थान से आये, भारद्वाज गोत्री, भारद्वाज
आंगिरस वार्हस्पत्य त्रिप्रवरी ३४. पंडित हरिधर के पौत्र, पंडित महीधर के पुत्र, पंडित भृगु शर्मा ब्राह्मण के लिये डेढ़
१३ भाग; मुतवथू स्थान से आये ३५. काश्यप गोत्री, काश्यप अवत्सार नैध्रुव त्रिप्रवरी, आश्वलायन शाखा के अध्यायी, चतुर्वेद
. पृथ्वीधर के पौत्र, चतुर्वेद आशाधर ३६. के पुत्र, अग्निहोत्र नारायण शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ भाग; अकोला स्थान से आये,
परावसु गोत्री, परावसु कांकायन ३७. कैकस त्रिप्रवरी, ठक्कुर भरतपाल के पौत्र, ठक्कुर डाल्लण के पुत्र, राजन गोसल शर्मा ब्राह्मण
के लिये एक १ भाग; मथुरा स्थान ३८. से आये, आश्वलायन शाखा के अध्यायी, वसिष्ठ गोत्री, काश्यप आवत्सार वसिष्ठ त्रिप्रवरी, चतुर्वेद जनार्दन के पौत्र
(द्वितीय ताम्रपत्र-पृष्ठ भाग) ३९. चतुर्वेद धरणीधर के पुत्र, महाराज पंडित श्री गोसे शर्मा ब्राह्मण के लिये दो २ भाग;
मथुरा स्थान से आये, ४०. आश्वलायन शाखा के अध्यायी, भार्गव गोत्री, भार्गव च्यवन आप्नवान और्ष जामदग्न्य
पंचप्रवरी, चतुर्वेद . . . . . . के पौत्र, चतुर्वेद ४१. विष्णु के पुत्र, चतुर्वेद रामेश्वर शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ भाग; मथुरा स्थान से
आये, आश्वलायन शाखा के अध्यायी, काश्यप गोत्री, ४२. काश्यप आवत्सार नैध्रुव त्रिप्रवरी, चतुर्वेद समुद्धर के पौत्र, चतुर्वेद देवधर के पुत्र, चतुर्वेद
गदाधर शर्मा ब्राह्मण के लिये एक १ भाग;
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