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________________ पुरुषार्थसिद्धय पाय ] [ ३३ एक सद्भावरूप वस्तु है, इसलिए वह तो सदा रहता ही है, परंतु प्रत्येक वस्तुके समान वह भी एक अवस्थाको छोड़कर दूसरी अवस्थामें आया करता है । कर्म यद्यपि पुद्गलकी पर्याय है, फिरभी उसका अनादिकालसे जीवका संबंध होनेसे जीवके शुभ अशुभ परिणामोंके अनुसार वह कर्म जीवको चारों गतियों में घुमाता फिरता है। पूर्व कर्मोदयसे जैसे जैसे जीवके विभाव-भाव होते हैं वैसे वैसे ही जीव शरीर धारण करता है एवं नवीन कर्मों का सम्बन्ध करता है । यही अवस्था जीवकी बराबर तबतक रहती है जबतक कि कर्मों का भार कुछ हल्का होने पर अपने स्वाभाविक परिणामोंसे समस्त सरागभावोंको दूर नहीं कर देता । जिस गतिका, जिस शरीरनामकर्मका, और भी-जिन अविनाभावी कर्मों का. जिस जातिका उदय होता है, जीवको उस गतिमें, उस शरीरमें एवं वैसी अवस्था में जाना पड़ता हैं । इसलिये जो जीव कीचड़ पानी वनस्पति आदिमें उत्पन्न होते दीखते हैं, वे जीव उत्पन्न नहीं होते किंतु उन उन स्थानों में वहां के पुद्गल-परमाणुओं को कर्मोदय-वश शरीर बनाकर उनमें दूसरी गतियों से जीव आकर वास करते हैं । जीव पैदा नहीं होते, किंतु शरीर पैदा होते हैं अर्थात् उन क्षेत्रों के परमाणु ही शरीर रूप पर्याय धारण कर लेते हैं और उन्हीं में जीव आ जाते हैं । जीव भी स्वेच्छा से नहीं आते, मरणकाल में इच्छा की व्यक्ति नहीं रहती, जीव की मूर्छित अवस्था रहती है, वह तो कर्मों की प्रेरणा से जहां तहाँ घूमता फिरता है । कर्मों की तीव्रता और मंदता से जीवों को बाह्य-योग्यताएँ यथानुकूल मिलती हैं । जैसी जैसी बाह्य सामग्रियाँ मिलती हैं, उसी उसी प्रकारसे जीवोंके गुणों का विकाश होता है। कोई जीव कर्मों से यहां तक सताये हुए हैं कि उन्हें ऐसा शरीर मिला है, जिसमें केवल स्पर्शनइन्द्रिय ही है; उसमें मुंह, नाक, आखें आदि कुछ भी नहीं हैं । ऐसे शरीर में रहने वाले जीवों के गुणों का विकाश अत्यन्त मंद रहता है । वे केवल स्पर्शरूप ज्ञान करते हैं; स्पर्शरूप ज्ञान भी उनका Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001104
Book TitlePurusharthsiddhyupay Hindi
Original Sutra AuthorAmrutchandracharya
AuthorMakkhanlal Shastri
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1995
Total Pages460
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Principle
File Size11 MB
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