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________________ ३२४ ] [ पुरुषार्थसिद्धघु पाय दयालु परिणाम हो, शांति हो, इन सब सद्गुणोंके साथ परम आस्तिक्यभावधर्ममें दृढ़ता गाद श्रद्धा हो वे सम्यग्दृष्टि समझने चाहिये, अन्यथा व्यवहारसम्यक्त्वको छोड़कर निश्चयसम्यक्त्वके जानने के लिये हमारे पास कोई साधन नहीं है, केवल वाह्य लक्षणोंसे अंतरंग गुणके सद्भावका अनुमान किया जा सकता है। जघन्य पात्रके यद्यपि सम्यकचारित्र नहीं है. क्योंकि चारित्रमोहनीय कर्म उसकी आत्मामें चारित्रको रोक रहा है तो भी सम्यग्दर्शनके प्रगट होनेसे वह प्रतिसमय असंख्यात गुणी कर्मों की निर्जरा करता रहता है, इसलिये वह भी अविरत सम्यग्दृष्टि भी जघन्यपात्र है। इसप्रकार जघन्यपात्र भी भक्तिपूर्वक आहारदान देने योग्य है । जहां पात्रको धर्मबुद्धिसे दान दिया जाता है वहां भक्तिपूर्वक ही दिया जाता है । इसलिये तीनोंप्रकारके पात्रोंको यथायोग्य भक्तिपूर्वक प्रतिदिन दान देकर ही भोजन करना चाहिये । यह गृहस्थका प्रधान कर्त्तव्य है । जो विद्यार्थी-देवशास्त्रगुरुमें अटल भक्ति रखते हुए यथार्थज्ञान-सम्यग्ज्ञान बढ़ानेवाली विद्याका अध्ययन करते हैं उन्हें भोजन करा देना भी पात्रदान है। उनके लिये पुस्तकादिकी सहायता कर देना ज्ञानदान है । इसप्रकार पात्रोंको दान करना पात्रदान कहा जाता है । इन्हीं पात्रों को धर्मपात्र भी कहते हैं, धर्मपात्रोंके पांच भेद हैं, १-सामयिक, २-साधक, ३-समयद्योतक, ४-नैष्ठिक, ५-गणाधिप । उनमें सामयिक धर्मपात्र वे कहलाते हैं जो कि शास्त्रोंकी आज्ञानुसार चलनेवाले मुनि अथवा गृहस्थ हैं । साधक वे कहलाते हैं जो ज्योतिषमंत्र आदिसे संसारी जीवोंका उपकार करते हों एवं शास्त्रोंके जानकार हों। समयद्योतक वे कहलाते हैं जो वाद-विवादकर जैनधर्मकी प्रभावना बढ़ानेवाले हों। नैष्ठिक वे कहलाते हैं जो मूलगुण और उत्तरगुणोंसे प्रशंसनीय वृत्तिवाले तपस्वी हो । गणाधिप वे कहलाते हैं जो ज्ञानकांड और क्रियाकांडमें कुशल धर्माचार्य एवं उन्हींके समान बुद्धिमान गृहस्थाचार्य हैं । इन पांचोंप्रकारके Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001104
Book TitlePurusharthsiddhyupay Hindi
Original Sutra AuthorAmrutchandracharya
AuthorMakkhanlal Shastri
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year1995
Total Pages460
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Principle
File Size11 MB
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