________________
प्रस्तावना-विषयानुक्रम
विषय पृष्ठ विषय
पृष्ठ १. प्रमाण-परीक्षा
१. (ए) प्रमाणपरीक्षामें ग्रन्थ-परिचय
प्रमाणस्वरूप-मीमांसा १५-५२ (क) नाम
(ट) सन्निकर्ष-परीक्षा १५ (ख) भाषा व शैली
(ठ) सम्यग्ज्ञानमें स्वार्थ(ग) उद्देश्य व प्रयोजन
व्यवसायात्मकत्वकी (घ) विभाग
सिद्धि २० विषय-परिचय
(ड) बौद्धाभिमत अव्यवसा१. मङ्गलाचरण
यात्मक प्रत्यक्षकी २. प्रमाण-लक्षण (अ) वैशेषिक दर्शन
(ढ) अनुमानसे सविकल्पक (आ) न्याय दर्शन
प्रत्यक्षकी सिद्धि ३१ (इ) मीमांसा दर्शन
(ण) विज्ञानाद्वैत-परीक्षा ३१ (ई) सांख्य दर्शन
(त) परमब्रह्म-परीक्षा ३३ (उ) बौद्ध दर्शन
(थ)अस्वसंवेदिज्ञान-परीक्षा ३७ (ऊ) जैन चिन्तकों द्वारा
(द) परोक्षज्ञान-परीक्षा ४४ प्रमाणस्वरूप-विमर्श
(ध) प्रधानपरिणामज्ञान(i) कुन्दकुन्द
परीक्षा ४७ (ii) गृद्धपिच्छ
(न) तत्त्वोपप्लव-परीक्षा ४८ (iii) समन्तभद्र
८ (ऐ) प्रामाण्य-परीक्षा ५२-५३ (iv) सिद्धसेन
९ २. प्रमाणसंख्या-परीक्षा ५३-१०५ (v) पूज्यपाद
(प) प्रत्यक्ष-परोक्षप्रमाण(vi) अकलंक
द्वयसिद्धि ५३ (vii) विद्यानन्द
(फ) प्रत्यक्षकप्रमाण(viii) माणिक्यनन्दि
समीक्षा ५३ (ix) देवसूरि
(ब) प्रत्यक्षानुमानप्रमाण(x) हेमचन्द्र
द्वय-समीक्षा ५७ (xi) अभिनव धर्मभूषण १४ (भ) तर्कप्रमाण-विमर्श ५९
on or on form mo oo w w w
मीमांसा २१
2 vua o anom
१३
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org