________________
૧૯
इक्किकहिया सिद्धाणंतंसा अंतरेसु अग्गहणा । सव्वत्थ जहन्नुचिया, नियणंतं साहिया जिट्ठा ॥ ७७ ॥ अंतिमचउफासदुगंधपंचवन्नरसकम्मखंधदलं । सव्वजियणंतगुणरसमणुजुत्तमणंतयपएसं ॥ ७८ ॥ एगपएसोगाढं नियसव्वपएसओ गहेइ जिओ । थेवो आउ तदंसो, नामे गोए समो अहिओ ॥ ७९ ॥ विग्घावरणे मोहे, सव्वोवरि वेयणीय जेणप्पे | तस्स फुडत्तं न हवइ, ठिइविसेसेण सेसाणं ॥ ८० ॥ नियजाइलद्धदलियाणंतंसो होइ सव्वघाईणं । बज्झतीण विभज्जइ, सेसं सेसाण पइसमयं ॥ ८१ ॥ सम्मदरसव्वविरई अणविसंजोयदंसखवगे य । मोहसमसंतखवगे खीणसजोगियर गुणसेढी ॥ ८२ ॥ गुणसेढी दलरयणाणुसमयमुदयादसंखगुणणाए । एयगुणा पुण कमसो, असंखगुणनिज्जरा जीवा ॥ ८३ ॥ पलियासंखंसमुहू सासणइयरगुण अंतरं हस्सं । गुरु मिच्छि बे छसट्ठी, इयरगुणे पुग्गलद्धंतो ॥ ८४ ॥ उद्धारअद्धखित्तं पलिय तिहा समयवाससयसमए । केसवहारो दीवोदहि आउतसाइपरिमाणं ॥ ८५ ॥ दव्वे खित्ते काले भावे चउह दुह बायरो सुहुमो । होइ अणंतुस्सप्पिणि परिमाणो पुग्गलपरट्टो ॥ ८६ ॥ उरलाइसत्तगेणं, एगजिओ मुयइ फुसिय सव्वअणू । जत्तियकालि स धूलो, दव्वे सुहुमो सगन्नयरा ॥ ८७ ॥ लोगपएसोसप्पिणि समया अणुभाग बंधठाणा य । जह तह कममरणेणं, पुट्ठा खित्ताइ थूलियरा ॥ ८८ ॥ अप्पयरपयडिबंधी, उक्कडजोगी य सन्निपज्जत्तो । कुण पसुक्कोसं, जहन्नयं तस्स वच्चासे ॥ ८९ ॥
1
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org