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________________ ૧૨૨ तारीकाबाद गोरीया कफदा कीचर बलाद ( टाण्डा ) ताजपुर हसनगाँव नकल જૈન પરંપરાના ઇતિહાસ—ભાગ ૩જો अवध खैराबाद लखनउ नकल – (३) दिल्ही आगरा प्रान्त मदारक - ( २ ) अवधप्रान्त फरमान बयाजी व मोहर अल्लाह अकबर असकरार ४ शहरयूर माह महर आलही सन् ३७ आकि जागीरदारान करोडियान ओ मुत्सदियान सूबे अवध विदानद । सासा गाँव सार काम सलीमाबाद सलसल (सिलसल ) फतेहाबाद भूराघाट महमूदाबाद Jain Education International 66 बहराइच गोरखपुर कटा हुआ आधा उपरका भाग नहीं मिला । देहली सरहिंद बदायुं सम्बल हिसार - फिरोजा सहारनपुर रिवाडी [ ४२९ नोंध : खरतराचार्य गच्छीय यति श्रीपूनमचंदजीके सौजन्यसे हालही में, हमें पांच शाही फरमानोंकी नकलें प्राप्त हुई, जिनमें तीन केवल आषाढी अष्टाह्निका के अमारिके फरमान हैं। x x x ये तीन फरमान क्रमशः सूबा उडीसा, अवध और देल्हीके हैं । For Private & Personal Use Only "" (-શ્રીમાન્ અગરચંદજી નાહટા અને ભવરલાલ નાહટાએ લખેલા 'युगप्रधान श्रीविनयं द्रसूरि' परिशिष्ट च ५० ३०६ थी ३०८ ) www.jainelibrary.org
SR No.001078
Book TitleJain Paramparano Itihas Vol 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshanvijay, Gyanvijay, Nyayavijay
PublisherCharitra Smarak Granthmala
Publication Year1964
Total Pages933
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, History, & Story
File Size15 MB
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