SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 82
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आनन-गुण का जैन-दर्शन भगवान महावीर जयंती, कितनेक जीवों का सोना अच्छा है और कितनेक जीवों का जागना अच्छा है । जयंती-इसका क्या कारण है ? भगवान महावीर-जो जीव अधर्मी हैं, अधर्मानुग हैं, अमिष्ठ हैं, अधर्माख्यायी हैं, अधर्मप्रलोकी हैं, अधर्मप्ररञ्जन हैं,अधर्म समाचार हैं, अधार्मिक वृत्ति वाले हैं, वे सोते रहेंगे, यही अच्छा है ; क्योंकि जब वे सोते रहेंगे तो अनेक जीवोंको पीड़ा नहीं देंगे। और इस प्रकार स्व, पर और उभय को अधार्मिक क्रिया में नहीं लगावेंगे, अतएव उनका सोना अच्छा है । किन्तु जो जीव धार्मिक हैं,धर्मानुग हैं,यावत् धार्मिक वृत्ति वाले हैं, उनका तो जागना ही अच्छा है । क्योंकि ये अनेक जीवों को सुख देते हैं और स्व, पर और उभय को धार्मिक अनुष्ठान में लगाते हैं। अतएव उनका जागना ही अच्छा है। जयंती--भन्ते, बलवान् होना अच्छा है या दुर्बल होना ? भगवान महावीर-जयंती, कुछ जीवों का बलवान् होना ___ अच्छा है और कुछ का दुर्बल होना । जयंती-इसका क्या कारण ? । भगवान महावीर---जो जीव अधार्मिक हैं यावत् अधार्मिक वृत्ति वाले हैं, उनका दुर्बल होना अच्छा है। क्योंकि वे बलवान् हों, तो अनेक जीवों को दुःख देंगे। किन्तु जो जीव धार्मिक हैं यावत् धार्मिक वृत्ति वाले हैं उनका सबल होना ही अच्छा है, क्योंकि उनके सबल होने से वे अधिक जीवों को सुख पहुँचावेंगे । इसी प्रकार अलसत्व और दक्षत्व के प्रश्न का भी विभाग करके भगवान् ने उत्तर दिया है। भगवती १२. २. ४४३ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001049
Book TitleAgam Yugka Jaindarshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1990
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Education, B000, & B999
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy