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________________ १७० आगम-युग का जन-दर्शन विवाद तो बहुत है किन्तु उन वाद-विवादों के पीछे कौन से नियम काम कर रहे हैं, इसका उल्लेख नहीं । अतएव वादविद्या के नियमों का प्राचीन रूप देखना हो, तो जैनागम और बौद्ध पालि त्रिपिटक ही की शरण लेनी पड़ती है । इसी से वाद और वादशास्त्र के पदार्थों के विषय में जैन आगम का आश्रयण कर के कुछ लिखना अप्रस्तुत न होगा । ऐसा करने से यह ज्ञात हो सकेगा, कि वादशास्त्र पहिले कैसा अव्यवस्थित था और किस तरह बाद में व्यवस्थित हुआ तथा जैन दार्शनिकों ने अपने ही आगमगत पदार्थों से क्या छोड़ा और किसे किस रूप में कायम रखा । कथा - साहित्य और कथापद्धति के वैदिक, बौद्ध और जैनपरंपरागत विकास की रूपरेखा का चित्रण' पंण्डित सुखलालजी ने विस्तार से किया है । विशेष जिज्ञासुओं को उसी को देखना चाहिए । प्रस्तुत में जैन आगम को केन्द्र रखकर ही कथा या वाद में उपयुक्त ऐसे कुछ पदार्थों का निरूपण करना इष्ट है । श्रमण और ब्राह्मण अपने-अपने मत की पुष्टि करने के लिए विरोधियों के साथ वाद करते हुए और युक्तियों के बल से प्रतिवादी को परास्त करते हुए बौद्धपिटकों में देखे जाते हैं । जैनागम में भी प्रतिवादियों के साथ हुए श्रमणों, श्रावकों और स्वयं भगवान महावीर के वादों का वर्णन आता है । उपासकदशांग में गोशालक के उपासक सद्दालपुत्त के साथ नियतिवाद के विषय में हुए भगवान महावीर के वाद का अत्यंत रोचक वर्णन है— अध्य० ७ । उसी सूत्र में उसी विषय में कुंडकोलिक और एक देव के बीच हुए वाद का भी वर्णन है - अ० ६ । जीव और शरीर भिन्न हैं, इस विषय में पाश्र्वानुयायी केशीश्रमण और नास्तिक राजा पएसी का वाद रायपसेणइय सूत्र में निर्दिष्ट है । ऐसा ही वाद बौद्धपिटक के दीघनिकाय में पायासीसुत में भी निर्दिष्ट है । सूत्रकृतांग में आर्य अद्दका अनेक मतवादियों के साथ नानामन्तव्यों के विषय में जो वाद हुआ है, उसका वर्णन है— सूत्रकृतांग २.६ । पुरातत्व २. ३. में 'कथापद्धतिनु स्वरूप अने तेना साहित्यनुं विग्दर्शन' तथा प्रमाणमीमांसा भाषा टिप्पण पृ० १०८ - १२४ ॥ १ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001049
Book TitleAgam Yugka Jaindarshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1990
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Education, B000, & B999
File Size17 MB
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