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________________ ४५ २. तंदुलवेयालियपइण्णयं झसोयरा पम्हवियडनाभा संगयपासा सन्नयपासा सुंदरपासा सुजायपासा मियमाइय-पीण-रइयपासा अकरंडुयकणगरुयग-निम्मल-सुजाय-निरुवहयदेहधारी पसत्थबत्तीसलक्खणधरा कणगसिलायलुज्जलपसत्थ-समतल-उवचिय-वित्थिन्नपिहुलवच्छा सिरिवच्छंकियवच्छा पुरवरफलिहवट्टियभुया भुयगीसरविउलभोगआयाणफलिहउच्छूढदीहबाहू जुगसन्निभपीण-रइय-पीवरपउट्ठसंठिय-उवचिय-घण-थिर-सुबद्ध- ५ सुवट्ट-सुसिलिट्ठ लट्ठपव्वसंधी रत्ततलोवचिय-मउय-मंसल-सुजाय-लक्खणपसत्थअच्छिद्दजालपाणी पीवर-वट्टिय-सुजाय-कोमलवरंगुलिया तंब-तलिण-सुइरुइर-निद्धनक्खा चंदपाणिलेहा सूरपाणिलेहा संखपाणिलेहा चक्कपाणिलेहा सोत्थियपाणिलेहा ससि-रवि-संख-चक्क-सोत्थियविभत्त-सुविरइयपाणिलेहा वरमहिसवराह-सीह-सङ्कल-उसभ-नागवरविउल-पडिपुन्न-उन्नय-मउदक्खंधा चउरंगुलसुपमाण- १० कंबुवरसरिसगीवा अवट्ठिय-सुविभत्त-चित्तमंसू मंसल-संठिय-पसत्थ-सद्लविउलहणुया ओयवियसिलप्पवाल-बिंबफलसन्निभाधेरुट्ठा पंडुरससिसगलविमल-निम्मलसंख-गोखीरकुंद-दगरय-मुणालियाधवलदंतसेढी अखंडदंता अफुडियदंता अविरलदंता सुनिद्धदंता सुजायदंता एगदंतसेढी विव अणेगदंता हुयवहनिद्धत-धोय-तत्ततवणि-जरत्ततल-तालुजीहा सारसनवथणियमहुरगंभीर-कुंचनिग्घोस दुंदुहिसरा गरुलायय-उज्जु-तुंगनासा १५ अवदारिअपुंडरीयवयणा कोकासियधवलपुंडरीयपत्तलच्छा आनामियचावरुइल-किण्हचिहुरराइसुसंठिय-संगय-आयय-सुजायभुमया अल्लीण-पमाणजुत्तसवणा सुसवणापीणमंसलकवोलदेस-भागा अइरुग्गय-समग्ग-सुनिद्धचंदद्धसंठियनिडाला उडुइपडिपुन्नसोमवयणा छत्तागारुत्तमंगदेसा घण-निचिय-सुबद्ध-लक्खणुन्नय-कूडागार[निभ-] निरुवमपिडियऽग्गसिरा हुयवहनिद्धंत-धोय-तत्ततवणिज्जकेसंतकेसभूमी सामली- २० बोंडघणनिचियच्छोडिय-मिउ-विसय-सुहुम-लक्खणपसत्थ -सुगंधि-सुंदर-भुयमोयगभिंग-नील-कजल-पहट्ठभमरगणनिद्ध-निउरंबनिचिय-कुंचिय-पयाहिणावत्तमुद्धसिरया लक्खण-वंजणगुणोववेया माणुम्माणपमाणपडिपुन्नसुजायसव्वंगसुंदरंगा ससिसोमागौरा कंता पियदंसणा सब्भावसिंगारचारुरूवा पासाईया दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा ॥६६॥ २५ ३७८. ते णं मणुया ओहस्सरा मेहस्सरा हंसस्सरा कोचस्सरा नंदिस्सरा १. °यगेस पु० ॥ २-३. सत्थिय° पु० ॥ ४. मउंद सं० ॥ ५. धरओटा पंडर सं०॥ ६. सुद्धदं सं० ॥ ७. °दंता से वृपा० ॥ ८. सारसमहुर° धृ०॥ ९. °ग्गबालचंदसंठिय' सं०॥ १०. वयपडि पु० ॥ ११. सुहम सं० ॥ १२. °गार-कंत-पिय सं० ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001044
Book TitlePainnay suttai Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Amrutlal Bhojak
PublisherMahavir Jain Vidyalay
Publication Year1984
Total Pages689
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, agam_chatusharan, agam_aaturpratyakhyan, agam_mahapratyakhyan, agam_bhaktaparigna, agam_tandulvaicharik, agam_sanstarak, agam_gacchachar, & agam_chandra
File Size11 MB
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