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________________ २८ सामायिककी सिद्धिके लिए पूजादि आवश्यक सामायिकके अतिचार प्रोषधव्रतका लक्षण मध्यम और जघन्य प्रोषध प्रोषधकी विधि प्रोषधमें कर्तव्य प्रोषधोपवासके अतिचार अतिथिसंविभागयतका लक्षण अतिथि शब्दकी व्युत्पत्ति पात्रका स्वरूप और भेद पात्रदानकी विधि देय द्रव्यका निर्णय दाताका लक्षण दानका फल दानके फलके दृष्टान्त अतिथिको खोजने की विधि भूमि आदिके दानका निषेध अतिथिसंविभाग व्रतके अतिचार धर्मामृत ( सागार) २३४ २३५ २३६ सप्तम अध्याय सामायिक प्रतिमाका स्वरूप प्रोषधोपवास प्रतिमाका स्वरूप Jain Education International २३७ २३९ षष्ठ अध्याय [ श्रावककी दिनचर्या ] २५६-२७८ प्रातःकालका कृत्य कृतिकर्मका विधान जिनालयको गमन जिनालय में प्रवेशविधि पुण्यवर्धक स्तुतियाँ जिनालय में कर्तव्य जिनालय में वर्जित कार्य व्यापार तथा उससे निवृत्ति उद्यान भोजन आदिका निषेध मध्याह्न में देवपूजाकी विधि तदनन्तर पात्रदान सायंकालीन कृत्य करके शयन रात में नींद खुलने पर चिन्तन मुनि बनने की भावना २४० २४१ २४२ २४२ २४३ २४४ २४५ २४५ २४७ २४९ २४९ २५० २५२ २५६ २५७ २५८ २५९ २६० २६१ २६३ २६३ २६५ २६५ २६७ २६९ २७० २७६ २७९-३०८ २७९ २८१ सचित्तविरत प्रतिमाका स्वरूप षष्ठ प्रतिमाका स्वरूप रात्रिभक्तव्रत प्रतिमाके स्वरूप में भेद ब्रह्मचर्य प्रतिमाका स्वरूप ब्रह्मचारीके भेद वर्णाश्रम व्यवस्था आरम्भविरतका स्वरूप परिग्रहविरतका स्वरूप परिग्रह त्याग या सकलदत्तिकी विधि अनुमतिविरतका स्वरूप उसकी विधि गृहत्याग की विधि विनय और आचारमें भेद उद्दिष्टविरतका स्वरूप उद्दिष्टविरतके भेद और विधि प्रथमको भिक्षाको विधि दूसरेका स्वरूप धावक के लिए निषिद्ध कार्य अष्टम अध्याय साधक श्रावकका स्वरूप शरीर के लिए धर्मका घात निषिद्ध सल्लेखना आत्मघात नहीं मृत्यु सुनिश्चित होनेपर सल्लेखनाका विमान उपसर्गसे मरण होनेपर तत्काल सल्लेखना धारण करे यथाकालमृत्यु में सल्लेखनाकी विधि आहारत्यागका समय संघमें जानेका विधान मरते समय धर्माराधनाका फल मुक्ति दूर होनेपर भी व्रतधारण आवश्यक समाधि मरणके लिए शरीरको कृश करना २८२ २८५ २८६ २८६ २८७ २८८ २९० २९१ २९२ २९५ २९६ २९६ २९८ २९९ ३०० ३०० ३०९-३५४ For Private & Personal Use Only ३०३ ३०४ ३०९ ३११ ३१२ ३१३ ३१३ ३१४ ३१५ ३१५ ३१६ २१८ आवश्यक ३१९ कषाय कृश किये बिना शरीर कृश करना व्यर्थ ३१९ समाधिमरण की प्रशंसा समाधिमरण के योग्य स्थान ३२१ ३२२. सबसे क्षमा कराकर आचार्यसे अपने दोष निवेदन करे ३२३ www.jainelibrary.org
SR No.001017
Book TitleDharmamrut Sagar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAshadhar
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1944
Total Pages410
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Principle
File Size10 MB
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