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________________ " .00 ११. षट्खण्डागम और नन्दिसूत्र नन्दिसूत्र में मंगलपूर्वक स्थविरावली का क्रमनिर्देश दोनों ग्रन्थों में प्ररूपित ज्ञानावरणीय और ज्ञानविषयक समानता अन्य ज्ञातव्य २८३ १२. षट्खण्डागम (धवला) और दि० पंचसंग्रह २८४ पं०सं० का प्रथम प्रकरण जीवसमास व ष०ख० का जीवस्थान खण्ड २८५ धवला में उद्धत गाथाएं प्रचुर संख्या में पंचसंग्रह में उपलब्ध क्या प्रस्तुत पचसंग्रह धवलाकार के समक्ष रहा है ? पंचसंग्रह के अन्य प्रकरणों में भी धवला की समानता विशेषता २६५ विशेष प्ररूपणा २६६ १३. षट्खण्डागम और गोम्मटसार ३०० (१) जीवकाण्ड मूलाचार तत्त्वार्थवातिक ग्रन्थान्तर ३१८ बीस प्ररूपणाओं का अन्तर्भाव ३१६ अन्यत्र से ग्रन्थ में आत्मसात् की गयो गाथाओं की अनुक्रमणिका ३२० (२) कर्मकाण्ड ३२४ उपसंहार rrrr m m ~ ~ ३४० षट्खण्डागम पर टीकाएँ १. पद्मनन्दो विरचित परिकर्म २. शामकुण्डकृत पद्धति ३. तुम्बुलूराचार्य कृत चूडामणि ४. समन्तभद्र विरचित टीका ५. वप्पदेव विरचित व्याख्या ६. आ० वीरसेन विरचित धवला टीका विचारणीय समस्या आचार्य वीरसेन और उनकी धवला टीका गुरु आदि का उल्लेख तथा रचनाकाल वीरसेन का व्यक्तित्व सिद्धान्तपारिगामिता ज्योतिर्वित्त्व गणिज्ञता ३४१ ३४२ ३४४ ३४५ ३४८-६३ ३४८ ३५० ३५१ ३५२ ४४ / षटखण्डागम-परिशीलन Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001016
Book TitleShatkhandagama Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalchandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1999
Total Pages974
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Ethics
File Size18 MB
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