________________
करुणा-स्रोतः आचरण में अहिंसा प्रोटीन- दलहन एवं दालें, अनाज, मूंगफली, ओलिव प्रोटीन हेतु शाकाहारी वानगी, ढोकले, सेन्डवीच आदि, दलहन एवं अनाज, दलहन एवं बीज, दलहन एवं मूंगफली, चावल एवं मटर, अड़द एवं तुवर, मटर मक्का आदि में से बनी हुई वानगी (पदार्थ) से प्रोटीन प्राप्त हो सकता है। दूध- व्यापारी स्तर पर तैयार किया जानेवाला सोयाबीन का दूध, मूंगफली, काजू का दूध, फल, शाकभाजी एवं फलों के रस। अंडे-बेंकिग अर्थात् बेकरी की बनावटों में अंडे का उपयोग होता है। उसका त्याग करके अन्य वस्तुओं का उपयोग करो। हर वानगी में से अंडे को कमी करो। केल्शियम- बदाम, तिल, हरी सब्जियाँ, मक्की, सूर्यमुखी के बीज, गुड, अंजीर आदि। लोहतत्त्व - सूखे मेवे, सूखी द्राक्ष, अंजीर, हरी सब्जियां, काकवी, बदाम, उड़द, काजू। मक्खन - सोयाबीन से बना हुआ मक्खन उदा. सुपर मार्केट हेल्थ फुड स्टोर्स में (Willowrun) एवं Hains में किसी भी प्रकार का प्राणिज पदार्थ नहीं होता। पनीर - सोयाबीन से बना हुआ दही एवं पनीर का अनेक रीति से उपयोग किया जा सकता है। शहद - मेपल (Maple) नामक वृक्ष का / फल का रस Black Strap Molasses, Date Sugar. वस्त्रः उन - एक्रेलिक, रेयोन (बनावटी रेशम) ओरियान (Orian) स्वेटर, कंबल आदि में उपयोगी हो सकता है। चमड़ा - जो चमड़े से निर्मित न हों ऐसे जूते-चम्पल, कमरपटी, या कीट आदि रखना चाहिए। रेशम - एसीटेट, नायलोन, साटीन रोयेंदार वस्त्र - एक्रेलिक में से बनाये कृत्रिम रोयेंदार वस्त्र नहाने-धोने के साबुन- भेड की चरबी, प्राणीजन्य ग्लीसरीन, प्राणिज चरबी अथवा किसी भी प्रकार के प्राणिज पदार्थ का उपयोग न हुआ हो ऐसे साबुन का उपयोग करना चाहिए।
सामान्य रूप से व्यापारी स्तर पर उत्पादित होने वाले सभी साबूनों में प्राणिज चरबी Tallow अथवा Fat का उपयोग होता है। यदि आप उस
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org