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________________ करुणा-स्रोतः आचरण में अहिंसा पर लगे लेबल पर लिखे घटक द्रव्यों को नहीं समझ सकें तो उसके उपयोग को टाल दो एवं विशेष जानकारी हेतु उत्पादकों से पूछ लो। गृह उपयोगी वस्तुएँ: तकिया- एलर्जी न हो ऐसे एक्रेलिक के तकियों का उपयोग करो। कम्बल-एक्रेलिक या नायलोन का उपयोग करो। चटाई - एक्रेलिक या नायलोन का उपयोग करो। ब्रुश- घोडे या अन्य प्राणियों के बाल से निर्मित न हों ऐसे ब्रुश का उपयोग करो । प्राकृतिक बालों का उपयोग न हुआ हो ऐसे ब्रुश का उपयोग करना चाहिए क्योंकि प्राकृतिक बाल प्रायः सुअर के होते हैं। ग्रीस एवं पॉलिश- यदि लेबल में सभी घटक द्रव्यों के नाम न लिखे हों तो उसके उत्पादक को मिलकर पूछे । दवाईयाँ एवं विटामिन्स के विकल्प -टीका, सिरप, बहुत सी दवाईयाँ एवं विटामीन्स में या तो प्राणिज पदार्थ होते हैं या तो जीवन्त प्राणियों के ऊपर उसके प्रयोग किये जाते है अतः उसका त्याग करना चाहिए। ध्यान व योग और आसन के साथ साथ अच्छा संतुलित आहार, प्रदुषणमुक्त शुद्ध हवा, पाणी व उचित आराम से, दवाईयाँ की बार बार आवश्यकता नहीं रहती हैं। प्रति पक्ष एक उपवास और कुछ वनस्पतियाँ या जडीबुट्टीयाँ प्राकृतिक औषधियाँ है। क्रीडा एवं मनोरंजन के विकल्प - मनुष्य में शिकार, रेस खेलना, मच्छी मारी, प्राणी संग्रह, घुडसवारी एवं सर्कस के बदले प्राणियों के संदर्भ में शैक्षणिक माहिती दर्शक फिल्में, पुस्तकें एवं अन्य ऐसी शैक्षणिक सामग्री प्राप्त करानी चाहिए जो रूचि-रस उत्पन्न करें, जिससे शिकार के प्रति लोगों की रूचि न हो। प्राणिज द्रव्यो से निर्मित संस्करण करने की संयोगी का त्याग केल्सियम स्टियरेट्स (Calcium Steartes)- विशेष रूप से चरबी रूप पदार्थ है जो सुअर की होजरी में से खींच लिया जाता है। इसको दूध या पानी में एक स्निग्ध पदार्थ के रूप में मिलाया जाता है और वह सोडियम स्टराइल लेक्टाइलेट (Sodium Sterile Lactylate) एवं स्टिअरिक एसिड (Stearic Acid) के नाम से भी जाना जाता है। लेक्टिक एसिड (Lacit Acid)- लेक्टिक एसिड कत्लखाने का उपउत्पादन है। 15 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.000225
Book Title$JES 921H Karuna me Srot Acharan me Ahimsa Reference Book
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPramoda Chitrabhanu, Pravin K Shah
PublisherJAINA Education Committee
Publication Year2006
Total Pages90
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jaina_Education, 0_Jaina_education, D000, & D005
File Size657 KB
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