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करुणा-स्रोतः आचरण में अहिंसा बछड़े
७,००० सूअर मुरगी
२,४०,००,००० यदि आपके पास भारत के कत्लखानों के संबंध में जानकारी हो तो अवश्य ज्ञात करायें। आरोग्यः
सम्पूर्ण शाकाहारी (Vegan) होने के बाद आरोग्य संबंधी बाबत का पूर्ण अभ्यास किया और उसकी जानकारी नीचे प्रस्तुत है। कैल्सियम और प्रोटीनः
अधिकांश अमेरीकन प्रतिदिन अपनी आवश्यक्ता से दो-तीन गुना अधिक प्रोटीन प्राणिज द्रव्य अर्थात्- दूध, चीझ और माँस में से प्राप्त करते हैं। बहुत से वैज्ञानिक संशोधनों से पता चला है कि जो लोग प्राणिज द्रव्यों से प्रोटीनयुक्त भोजन करते है उनके पेशाब में कैल्सियम की मात्रा अधिक होती है लेकिन जो शाकाहारी है उनके पेशाब में कैल्सियम नहीं होता।
वनस्पति जन्य प्रोटीन की तुलना में दुध, चीझ, माँस आदि में जो प्राणिज प्रोटीन होता है वह अधिक तेजाबीय अम्लतायुक्त (Acidic) होता है । इस अम्लता को शरीर अपनी हड्डियों में कैल्सियम द्वारा न्यूट्रल (Neutral) तटस्थ करता है। परिणाम स्वरूप जो लोग डेयरी उत्पादन तथा माँस का उपयोग करते हैं उनकी हड्डियों में कैल्सियम कम होता है और उन्हें ओस्टीयो पोरोसिस (Osteoporosis) नामक रोग होता है और रक्त के कैल्सियम को दूर करने के लिए किडनी को अधिक काम करना पडता है। इस कारण ऐसे लोगों की किडनी को बंद हो जाने की संभावनायें अधिक रहती हैं और मूत्राशय में पथरी जैसे रोग हो जाते हैं।
शाकाहारियों को अपने भोजन द्वारा आवश्यक प्रोटीन मिलता है (अधिक नहीं मिल सकता) साथ ही यह वनस्पतिजन्य प्रोटीन प्राणिजन्य प्रोटीन की तुलना में कम तेजाबीय होता है जिससे वह हड्डियों के कैल्सियम का अधिक उपयोग नहीं करता । हरी और ताजी शाकसब्जी एवं अन्य शाकाहारी पदार्थ से प्राप्त कैल्सियम उत्कृष्ट प्रकार का होने से हड्डियों को अधिक मजबूत बनाता है। एसे लोगों की पेशाब में कैल्सियम नहीं होता। अनेक विज्ञानिकों के संशोधनों ने यह प्रस्तुत किया है कि मजबूत हड्डियों के लिए दूध आवश्यक नहीं है।
एक तथ्य प्रत्येक व्यक्ति को याद रखना चाहिए कि व्यक्ति चाहें दूध
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