Book Title: Guruvandan Bhashya
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गुरुवयन श्राव्य मुहाग तय- देकर इलस्मास पणवीसहुति पाण्डाणा, राणा, य९ति गुरुवमणा -- अहिगारिणो य पंच य, इयरे पंचव, पंच पडिमेहाकोऽवगणह, पंचाग्रिहाण, पंचेव माहरणा - .'आमायण तित्तीस, दोसा बत्तीस, कारणा अट्रीबाणयसमें ठाणाणं वंदणे होइनामवंगशा-- ------ दिद्विपटिलेह एगा,नब अम्लोगनव पयोगगरिमाला मंत्रमुहपत्ती हो पणवीसा -- राजाहु, तिनि गिरे, निन्नि मुहे ,निन्नि उरमि, थापिचिमणेमुराचर पणवीम पमउजगा देशा दोग अहाजायं किइकामनारमावयंचमिरं तिगुत्तंच दुपसं एगनिम्तमा पक्षा किक पिकुर्णतो नहोइ किरकम निजगपाणी पणनीसामन्नयरं साद् ठाणं-बिराहिंतो राणा ----पगनीनोसपरिमुंड किकमंजो पांजर गुरूणामो पान निब्वाणं अचिरेण विप्राणनासं ना चा -- इनाम अणुनवण मचानाहंचजनजणा या अवगहखामण नियछटाणा डंति वंदणए ---रामार मास्स मंजणा. पूयणागजाम्सातित्यपराण य आणा, मयधम्यागहशा-Samdar Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ , , , , तुम पि उहा, एवं / प्रहमा खामि तुन्भे,वपणाई दाद हम III-.-- आधारेय उन्झार पचत धेरे तहेव रामाणए। एएने किकामं काम विग्जरदार शा-- सन्नी होद कुसीलो तहेव ममतो महछंदो-विमएएवंदगिजा जिणयमितपशा - पासवाई दमाणस्स नेव केनी न निकजरा होइ / मायकिलेस एमेव कुणदतह कम्मबंधं चा ... मं-पि पसंसा-मुहसीलजम्मि कम्मनंधापाजे-जे पमायठाणा तेतेउववूया हति पासनेमा कमाविदिशा आहारबारितेनहाराजा को आथप्पमाणमिनो चादिसि होइ अबागहो गुरुणणे माणुन्नायरस समा नकापए तत्थ पविसे राणा जेवण चिद किरकम्मं पुमाकम्मं च विणयकम्मं च। वंदणगस्स इमाई हबंति पंचेव नाभाई-- ------ कीमते खुकुर कि सेबए पालए तहाा पंच एए ये दिटुंता किदाम्मे हुंति नायल्या पापा -पुरमओ पम्ला-अमने गंता चिटण नितीमणाममणे आलोयणऽपडिमुणणे पुचालवणे य आयोगका ----- तह उवयंस निमंतण खटायग्रणे हा अपरिमुणेखन ति य तत्थ गए किं तुम तज्ज्ञाय नो गुभो तामा Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नो मालिक चित्ता परिसंभित्ता अणुद्धिमान को मंधार पायघट्टण चिकुछ नमामणे यावर T -2 अगाढिमंच परं च पनि परिपिंटिया टोमगइ भंकुन घेवतहा कभरिंगिर्म का मपुजनं भणमा म पार्छ तामयाब पिसा येन भयंत मिनी जस्त्र भरणा // . -दिदि य तहा सिंगं च करमो यणं / सिह प्रणालिई मणं उत्तरचूलिय पदा -किइसम्म पि कुर्णतो नहोइ निकम्म निजाभागी नत्ती पक्षामन्नयरं साहू ठाणं निराहिंतो पश्चा बती सदोसपरिसुझंजकिश्काम जो पज गुरणात पाबर तिमाण अचिरेण विप्राणनास नगर -पटिकणे मनाए मास्मोऽवगा पाहुणा भालोपण संभरणे उत्तम म बंगण्यं ॥णा विजयाओ नाण, नाणाको सणे, बसणाओ धरण द्वापरणहित सुम्य मुम्खे मुक्वंभणा AT माणो मवण-विंसातीमागोम-बोरीवडीअनमनेपदोसाई ग्वासिमाई - देविर फगहनइ सागर मानी म अवमा बागुरुगगहो पुणह प्राउप्पमाणे उचादिसि पिगइमे - प्रतौ अधिक स्त रमा प्रती इमं यानास्ति। परियोग गनियहि कियेणार माहिमालि रंगविजा Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -------अमरकंत मेडीमहिमं निभरि मेरेन / सारमणागार परिमाणको निरबमेग पा ----- चेन अदाए पचम्साणं नुदसनिराममोनाशुपालणीयं गाणुगए जहाजनही पश ढोही पोसवणाम मतमा अंतराइमं बुज्जा गुम्नेमावण तम्सिगेसनमार से दायतको काम पनिळात भए माले एवं पाखणं जमा होनागाएर माह तब जे खलनति कारणे जाएगुरुनेमावणे तस्सिगेलनमाएका से यमनबोकम्म परिवज्जइते अणिफिचर जाने एवं पञ्चम्खागं प्रकट होई नामवं -- पटुबो दिनमो पक्खाणम्म निडवणो माजहिय ममिति दुन्नि वितं पन्ना कोरिसहि तुगा मासे मासे य तबो अमुगो अमुगरिवसम्मिटई गोण गिलाणवायव्यो नाव मानो चा एवं पचम्लाणं निमार पीरपुरिझपन्नतं जे हिइ प्रणगारो भणिस्मियप्पा अपरिवो गडा चरमपुब्बी जिणकप्पिएमु पढमम्मि चेव संघयाएवं गोपिछन खलु धेश वितkि करेमी मना . ---महमरणागारेहिं अन्नत्य बिकारणनिजामम्मिाजे प्रत्तपरिचायं रिति भागारकडमेमं MNTE----- गि मंगविना मा मनमाना नियहि मा० विना-अणु मंत्र एऊमामो म नियारा " Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मायागारम पमयमा नोकरीत आगागा मतारांति मिक्खयाइ एवं निरागारं पश----- ........Triह कालाई भिक्खादि महत्र दाले / जे अन्नपरिचायं मारेति परिमाण मे पं // 13 // -------------- मत्व असणं सत्वं च पाणगं सखरखज्जभुजविही / लोसिरद मनभावेश भणियमेयं विश्व में In --------अंगुहगड मुट्टी घर से उम्माम पिनुक जो इक्सा प्रणिये संकेयमिणं धीरेहिं प्रणतनाणीहिंाशा मजापञ्चम्खाणं जंतं कालप्पमाण एहिं पुरिमा पोरिसीहिंमुहल-मामड-मासे हिं पहा ननबार पोरिकीट पुरिनटे कामगठाणे या आंबित प्रमत्तले चरिमे अभिगो विगई IT दो पेज नमुक्कारे 'आगारा छञ्च पोरिमीए या सन्नेव य पुरिमटे एगामणगम्मि प्रदेवाचा ----पंच यारो अभिगरे निविर अनव यमासा अप्पारणे पंचमहबंति सेमेसु चत्तारिशका - नवी मोगाहिमो अद्दन दहि पिनिय घय गुले वानर आगारा तेभि सेमदल्याणं तु अहेव गाणा... ..------------प्रम मोय मत्तम माजगाराइ खन्जाविहीएमसीराइ सूरणाई-उगामिदमो-चित्रेया--- Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भनो लाई उ नलिकेर दम्पादकक अंजा मासाइ बहुविहं खाइम होगा इंजन की बात कर तुतारी हे गाई / म पति मुगाई भणेगहा सामं हो // 25 // कामे मं पालिय व सोहिम तीरियं तहा / वित्तियमाराहियं चेन रिमाम्मी पक्ष्यच्वं // 6------ -भागारेहि विमुद्धं जं गहियं फासियं तयं नेमंगतर पालियं तु अन्नद सम्म उवनोपद्रियरिय का यफयतमन्नोमण मेवाणयाट य सोहियं जाण / पुन्ने वि येवकालावरपाणे तीरियं जा पाएका ---मणकाने प्रमुगं पञ्चनजामं ति पुज्ज कित्तिमं ाएटिं आगरेटिं मर्म भाराहियं होगा वयंभी गुरूदोसो घेवम्स वि पाला गुणकी पालाघवंचनेयं धामम्मि प्रओ आगाराना ----------उरं करि मणीमं भयंतहा तिल्लमेव गुरु मज्जा मई मनं चेवतहा उपाहिमां च यममानो पा ----..-ये महिमुट्टिपमूर्ण एलग खीराणि पंच चत्तारित परिमारमाणि जम्मा उट्टीणं ताणि नो हुँ / शा ------चजारि हुंन तिल्या तिन-अममिन्सं भ सरिमवाणं चा विगईओ सेसाणं डोलाईणं न जिगई डोर प्रशा Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गुर पु र नामक मयि कुत्तिय भामरभेयं च महुँ तिहा होदा ----- जल सहा मामला सस मेखि विभेयं वा भदन्त तिनिचलवल ओगाहेमग च जिगई मो - -- चिई वियगया अणतकाईणि उज्जवलि दिमतीसं नजीसं नावीस मुणह बन्नेमि पदा दुख दहि तिन नाणीयं पास गुर मद मंस मज पकं बापण चर चर चर चर दुग तिग तिग दुग एग पदिाभेन राजा दहमा विगहाय विगई पुणतेण तं हम दव्वं उद्धरिए तत्तम्मिय उक्तिदव्वं मप्राचा पेमा डुबडी इन्दवलेह यदुप्पसाठी यापंच य विगइशयाई दुष्पम्मिम खीरमहिमा गए| - बिलयम्मि दुबे उदट्टी दम्खमीसरदम्मिा पयसाम्री तह नंदुलाचुन्नयसिम्मि अवलेही पहिए बिगइगमाई घोलवां घोस सिहरिणि करंबोलवणकणदहियमहिमं मंगरियास्मि अप्पडिर पक्रमं चयकिट्टी पको सहि उबरि तिरियसप्पिं चाविमंजणवी मंदणाई धयविगई विगाया एण तिल्लमली तिलकुट्टी दवं निम्न तहोमहोबरियालमखाइदय्वपझं तिनं तिलमि पंव शश प्रदटिम इम्युरो गुलवाणीयं च सनराखंग पायगुमं गुलविगई निगगमाई तु पंचैव एवं एम्मुनरिं तिन्द्रोबारे बीमांचज पकं तुम्पेणं नेणं चियतईझं गुप्तहाणिया पनिई हवा - चात्य जलेण सिद्धा लप्पसिया पंचमं तु मलिया चोविस ताबियाए परिपका तीम मिसिएमु या आवस्मयचुन्नीए परि प्रणिय मत्य वत्तिय कमि सीमवं कमलाणं पजियवंतु कारणए रणा इति प्रत्याएयानभाग्यम् विनंतिस्विनं संवा