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________________ भनो लाई उ नलिकेर दम्पादकक अंजा मासाइ बहुविहं खाइम होगा इंजन की बात कर तुतारी हे गाई / म पति मुगाई भणेगहा सामं हो // 25 // कामे मं पालिय व सोहिम तीरियं तहा / वित्तियमाराहियं चेन रिमाम्मी पक्ष्यच्वं // 6------ -भागारेहि विमुद्धं जं गहियं फासियं तयं नेमंगतर पालियं तु अन्नद सम्म उवनोपद्रियरिय का यफयतमन्नोमण मेवाणयाट य सोहियं जाण / पुन्ने वि येवकालावरपाणे तीरियं जा पाएका ---मणकाने प्रमुगं पञ्चनजामं ति पुज्ज कित्तिमं ाएटिं आगरेटिं मर्म भाराहियं होगा वयंभी गुरूदोसो घेवम्स वि पाला गुणकी पालाघवंचनेयं धामम्मि प्रओ आगाराना ----------उरं करि मणीमं भयंतहा तिल्लमेव गुरु मज्जा मई मनं चेवतहा उपाहिमां च यममानो पा ----..-ये महिमुट्टिपमूर्ण एलग खीराणि पंच चत्तारित परिमारमाणि जम्मा उट्टीणं ताणि नो हुँ / शा ------चजारि हुंन तिल्या तिन-अममिन्सं भ सरिमवाणं चा विगईओ सेसाणं डोलाईणं न जिगई डोर प्रशा
SR No.212308
Book TitleGuruvandan Bhashya
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages7
LanguageHindi
ClassificationArticle
File Size1 MB
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