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________________ -------अमरकंत मेडीमहिमं निभरि मेरेन / सारमणागार परिमाणको निरबमेग पा ----- चेन अदाए पचम्साणं नुदसनिराममोनाशुपालणीयं गाणुगए जहाजनही पश ढोही पोसवणाम मतमा अंतराइमं बुज्जा गुम्नेमावण तम्सिगेसनमार से दायतको काम पनिळात भए माले एवं पाखणं जमा होनागाएर माह तब जे खलनति कारणे जाएगुरुनेमावणे तस्सिगेलनमाएका से यमनबोकम्म परिवज्जइते अणिफिचर जाने एवं पञ्चम्खागं प्रकट होई नामवं -- पटुबो दिनमो पक्खाणम्म निडवणो माजहिय ममिति दुन्नि वितं पन्ना कोरिसहि तुगा मासे मासे य तबो अमुगो अमुगरिवसम्मिटई गोण गिलाणवायव्यो नाव मानो चा एवं पचम्लाणं निमार पीरपुरिझपन्नतं जे हिइ प्रणगारो भणिस्मियप्पा अपरिवो गडा चरमपुब्बी जिणकप्पिएमु पढमम्मि चेव संघयाएवं गोपिछन खलु धेश वितkि करेमी मना . ---महमरणागारेहिं अन्नत्य बिकारणनिजामम्मिाजे प्रत्तपरिचायं रिति भागारकडमेमं MNTE----- गि मंगविना मा मनमाना नियहि मा० विना-अणु मंत्र एऊमामो म नियारा "
SR No.212308
Book TitleGuruvandan Bhashya
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages7
LanguageHindi
ClassificationArticle
File Size1 MB
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