Book Title: Aatmhatya aur Santhare ki Tulna
Author(s): Jivraj Jain
Publisher: Jivraj Jain
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आत्महत्याऔरसंथारेकीतुलना डॉजीवराजजैन (A)आत्महत्या: स्वयंसे,स्वयंडारा,स्वयंकेलिएकियागयाप्राणघातकाऐसाकार्यव्यवहारहै,जोकुछसमयमेंहीपरिणामप्राप्तकरादेताहै। WHOनेबीफ्रेंडर्सवर्डवाइड(BWW**)औरइंटरनेशलएसोसिएशनऑफ़सूइसाइडप्रिवेंशनसेंटर्स(IASPC)केसा थमिलकरआत्महत्यापरमहत्वपूर्णअंतर्राष्ट्रीयशोधकरीहै।इसशोधकेआधारपरही,बीफ्रेंडर्सवर्डवाइडसंस्थान, आत्महत्यानिवारणकेलिए,विश्वकेकरीब50देशोंमेंकार्यरतहै।भारतमेंभी12केन्द्रोंमें,इसकेस्वयंसेवकसक्रिय तासेकामकररहेहै। विश्वस्वास्थ्यसंगठनकीइसव्यापकशोधसेआत्महत्याकेबारेमेंनिम्नलिखितमहत्त्वपूर्णटेक्नीकल(technic al)तथ्योकापताचलाहै: 1. *कोईभीव्यक्तिअपनीइच्छासेआत्महत्याकरनानहींचाहताहै।परजबउसपरपड़रहेदबावकेद र्दको,वहबर्दास्तकरनेमेंअपनेआपकोपूरीतरहअसमर्थपाताहै,तोविवशहोकरऐसाकरताहै। *अंततकवहकिसीकीमददकाइन्तजारकरतारहताहै।(contemplationofSuicideisacryforh elp.)जबकोईमददआतीनहीं दिखतीहै,तबवहआत्महत्याकरनेकीकोशिशकरताहै। *आत्महत्याकेदौरानभीवह"मरनेएवंजीनेकेबीच केविचारोंमेंझूलतारहताहै। (Heiscaughtin aconflictbetweenthewishtoliveandurgetodie). *तनाव औरअवसादग्रस्तमनकीअसामान्यस्थितिमेंवहसोचनेलगताहैकिजिंदगीजीनेलाय कनहींहै। *शोधसेयहभीपताचलाहैकिकोईभीआत्महत्यासिर्फएककारणसेनहींहोतीहै।इसकेपीछेपूर्वव (Predisposing/Pre-existing)घटकएवंउत्प्रेरक(precipitating)घटकहोतेहैं। उदाहरणस्वरूपपरीक्षामें फेलहोनेपरएकविध्यार्थीजबआत्महत्याकरताहैतोकहाजाताहैकिफेलहोनेकेकारणफ लॉनेआत्महत्याकरली।यहअर्धसत्यहै।अगरऐसापूर्णसत्यहोतातोसभीफेलहोनेवालेविध्यार्थी आत्महत्याकर ते।परऐसानहींहोताहै।परीक्षामेंफेलहोना,यहाँ उत्प्रेरकघटकहै,जिसनेपूर्ववर्तीघटककेसाथमिलकरइसघटना कोअंजामदिया।अगरइसविध्यार्थीकेपासपर्याप्तमात्रामेंपूर्ववर्तीघटकनहींहोतातोवहघटनानहींघटती। Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (B)संथारा इसकेसैद्धांतिक,टेक्नीकलऔरव्यवहारिकपक्ष जबकिसीव्यक्तिकोऐसासमझमेंआताहैकिअबउसकाअंतिमसमय आगयाहै,तबपुनर्जन्ममेंविश्वासरखनेवा ला,बिनाकिसीअवसादवदुःखसेग्रसितहुए,5प्रकारकीइच्छाओंसेविमुक्तहोकर,परिवारऔरआत्मसाक्षीसे संथा रकासंकल्पलेताहै।यहसंकल्पलेतेवक्तवहजानऔरसमझरहाहैकिउसेनिम्नलिखितइच्छाएँनहींहैं: • नमरनेकीइच्छाहै • नजीनेकीइच्छाहै • नलौकिकसुखकीइच्छाहै • नपरलौकिकसुखकीइच्छाहै नकाम-भोगकेसुखपानेकीइच्छाहै। इसअनुष्ठानकोग्रहणकरतेसमय(देखियेसंकल्पलेनेकाआगमपाठ),उपरोक्तसमझकोदोहरानेसेउसकीवास्त विकतत्कालीनमानसिकताकादिग्दर्शनहोताहै। इसकाउद्देश्यऔरपरित्थितियाँ वहव्यक्तिसमझताहैकिउसकेअपनेकमजोरहएशरीरसेअबआत्मशुद्धिकीधार्मिकक्रियाएँकरनेमेंवहअसमर्थहै अतःऐसीस्थितिमेंसभीप्रकारकीपाप-क्रियाओं(पापक्रियाएँ18प्रकारकीहोतीहैं)कोछोड़देनाहीश्रेयस्करहै।इससेउसकीआत्माऔरज्यादामलिनहोनेसेसुरक्षितरहेगी इसकेलिएमन,वचनऔरकायाकेयोगसेसंकल्पकाएकसुरक्षाकवचधारणकरलेताहै।संकल्पलेनेकीआगमवि धिकेअनुसार, • सर्वप्रथमवहसभीजीवोंसे,अपनेगुरुकीसाक्षीसेहार्दिकक्षमायाचनाकरताहैऔरअपनीतरफसे सभीकोक्षमाभीकरदेताहै। इससोचकेअंतर्गतवहअपनीशक्तिअनुसार3अथवा4प्रकारकेआहारकाजीवनपर्यन्तत्यागक रलेताहै।फिरअपनाध्यानमात्रशुभविचारोंमेंकेंद्रितकरनेकाप्रयासकरताहै। इससंकल्पमेंवहअपनेईष्टसेप्रार्थनाकरताहैकिवोउसेइतनीशक्तिप्रदानकरेकिकोईभीबाधाउ सेजीवनपर्यन्तइससंकल्पसेविचलितनहींकरसके।इसकेअलावातोकिसीभीप्रकारकीयाकिसीभीवस्त कीकामनानहींकरताहै। Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (C)शोधआधारितपूर्ववर्णितआत्महत्याकीकसौटी (Criteria) सेसंथारेकीपरिस्थितियों और क्षणोंकी तुलना: 1.कोईभीव्यक्तिअपनीइच्छासेआत्महत्याकरनानहीं चाहता है। परजबउसपरपड़रहेदबावकेदर्दको, वहबर्दास्त करनेमेंअपनेआपकोपूरीतरहअसमर्थपाताहै, तोविवशहोकरऐसाकरताहै। *जबकिसंथारावालाव्यक्तिअपनेपरपड़रहेदबावकेदर्दसेविचलितनहींरहताहै । वहनतोमरनेकीइच्छा रखता है औरनजीनेकीइच्छारखताहै । उसमें आत्महत्याकरने जैसीकोईविवशतानहींरहतीहै। *आत्महत्याकरनेवालाबिना किसीबड़ोंयागुरुकी आज्ञाकेप्राणत्यागताहै। संथारावालागुरुकी आज्ञालेकर, केवल 3या4प्रकारकेआहारकात्यागकरताहै। जीनेयामरनेकाकोई संकल्पनहींलियाजाताहै। दोनोंमेंयहएकमूलफर्कहै। *इसकेअलावावहसभीप्रकारकीपाप क्रियाओंकोनहींकरनेकानियमलेताहै, तथाअपनेआपकोमात्रधार्मिकक्रियाओंमेंलगानेकानियमलेता है। आत्महत्याकरनेवालाऐसीसोचनहींरखता है। *एकमेंआत्मघातकासीधासीधामानसिक और शारीरिकवरणहै, लेकिनदूसरीतरफस्वेच्छासेकेवलआहारऔर पाप-क्रियाओंकेत्यागकासंकल्पहै, आत्मघातकानहीं। *आत्महत्याकरनेवालादबावकेदर्दको,बर्दास्तकरनेमें अपनेआपकोपूरीतरहअसमर्थपाताहै। अधिकांशतःआ त्महत्यामेंमानसिककष्टज्यादा असह्यहोताहै, जोसामाजिक, यापारिवारिकदबाव, आर्थिकसमस्यायाप्यारआ दिकी असफलताकेकारणहोता है। शोधकेअनुसारयदिऐसेव्यक्तियोंको भावनात्मकसहयोगदियाजाए, तोउन्हें आत्महत्याकेविचारोंसेउभाराजा सकताहै।(सिवायकुछख़ासअसाध्यबीमारियोंके,जहाँशारीरिककष्टोंसेनिजात दिलानेमेंदवायेंनाकामरहती हैं। उसस्थितिमे॑व्यक्तिआत्महत्याकोहीदुःखकेनिवारणकाउपायमानबैठता है । उनमामलोंमें भीव्यक्तिकोभावना त्मकसहयोगदेनेसेकाफीसांत्वनामिलतीपायीगयी है । ) इसकेविपरीतसंथारेमें,वैसेमानसिकदर्दकेकारणकासर्वथा अभावरहताहै। संथारेकोतत्कालिकदुःखकेनिवारण काउपायनहींमानाजातायासमझाजाताहै। व्यक्तिअपनीदेहवमनसेहोनेवालीसभीपापक्रियाओंकोबंदकरके, के वलशुभ(धार्मिक)क्रियामेंप्रवृतहोजाताहै। संथारेकेविपरीत,आत्महत्यामेंतोशीघ्रसेशीघ्रप्राणनिकालनेकाकृत्रिमउपक्रमकियाजाताहै। Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इसप्रकारसंथारातोआत्महत्याकेसिद्धांतऔरव्यवहारसेबिल्कुलअलगप्रकारकाएकविवेकशीलऔरउच्चस्तरी यसोचवालासामाजिकऔरधार्मिकअनुष्ठानसिद्धहोताहै। 2*अंततकवहकिसीकीमददकाइन्तजारकरतारहताहै।(contemplationofSuicideisacryforhelp)जबकोईम ददआतीनहीदिखतीहै,तबवहआत्महत्याकरनेकीकोशिशकरताहै। *संथारेमेंऐसीपरिस्थितियोंकासर्वथाअभावरहताहै।क्योंकिवहनतोमरनेकीऔरनजीनेकीकामनाकरताहै।ज बवहमरनेकीकोईइच्छानहींरखताहैतोउसेकिसव्यक्तिसेमददकीभीचाहनहींरहतीहै। इसइसप्रकारउपरोक्तकसौटी(criteria)भीसंथारेपरलागूनहींहोतीहै। 3.*आत्महत्याकेदौरानभीवह"मरनेएवंजीनेकेबीच"केविचारोंमेंझूलतारहताहै।(Heiscaughtinaconflictbet weenthewishtoliveandurgetodie). यहभीएकमहत्त्वपूर्णकसौटी(criteria)है। वहअपनेमानसिकदर्दसेछुटकारापानेकेबारे निरंतरसोचमेंडूबारहताहै।लेकिनजबउससेहारकर,यहमाननाप इताहैकिउसकोसमझनेवालायासुननेवालाकोईव्यक्तिनहींहै,तबवहअपनेप्राणोकोझटकेमेंयाशीघ्रातिशीघ्रस माप्तकरनेकाप्रयासकरताहै। संथारेमेंऐसीसोचवपरिस्थितियोंकास्पष्टतःअभावरहताहै। 4*तनाव औरअवसादग्रस्तमनकीअसामान्यस्थितिमेंवहसोचनेलगताहैकिजिंदगीजीनेलायकनहींहै।आत्मह त्या,उसकीअस्थायीसमस्याकाएकस्थायीउपायकेरूपमेंउभरकरसामने आतीहै। लेकिनसंथारेमेंव्यक्तिद्धारासुविवेकसेलियागया,स्वतंत्रनिर्णयहोताहै।वहभीजीवनकीअंतिमअवस्थामें। (D)आत्महत्याकेअन्यपक्ष आत्महत्याकीसोचवालेअधिकांशतःअवसाद औरमानसिकसंतापसेग्रसितरहतेहैं। Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ संथाराआत्म उत्थानकेलिएकीगयीएकधार्मिकप्रक्रिया है (संदर्भ: उव्वासगदसा, अंतगढ़दसाआदिजैनधर्मावलम्बियों के सर्व मान्यग्रन्थ).इसप्रक्रियामेंसाधक अपनेजीवनके अंतिमसमयमें, बिनाकिसी भौतिकइच्छाके, बड़ोंकीयागुरु जनोकीआज्ञामिलनेकेबाद, आहार- पानीकात्यागकरकेधर्मध्यानमेंलगजाताहै।यहखुलेआमकियाजानेवालाएकधार्मिक अनुष्ठानसिद्धहोताहै। इसप्रकारदोनोंके उद्देश्योंमें, परिस्थितियोंमें, मानसिकतामें, धार्मिकतामें औरजीवनशैलीमेंरातदिनकाफर्कसिद्धहोताहै। दोनोंएकयासमकक्षनहीं हैं। (E)डॉश्रीगोपालकाबरा(राजस्थानपत्रिका20.10.14) पत्रिकाके अनुसार भी आत्महत्याहिंसा है, स्वयंकेप्रतिहिंसा । आत्महत्यादोप्रकारकीहोती है। क्षणिक आवेग, औरमनोयोगद्धारामानसिक अवसादमें कीगयी । दोनोंमेंही निर्णय मानसिक असंतुलनकीस्थितिमेंलियागयाहोताहै। दोनोंमेंहीउससमयविशेषमेंपागलपनकीमनःस्थितिमेंलिएनिर्णयहोतेहैं। पागलपनमेंलिएगएनिर्णयकोकानूनीमान्यतानहीं है । य हव्यक्ति विशेषकास्वेच्छासेलियागयानिर्णयनहींमानाजाताहै । कारणयहहैकिउसकामस्तिष्कहीउससमयस्वयंकेवश मॅनहींहोताहै।यहअस्थायीइनसेनिटीमेंलियागयानिर्णयहोताहै, जोहिंसाकी श्रेणीमें आता है। आवेग, आवेशयामा नसिकसंतापमेंमनुष्यअपनाविवेकखोबैठता है। आत्मघातकेनिर्णयऔरउसेक्रियान्वितकरनेकेबीचसुविवेकसे सोचनेकासमयनहींहोताऔरनहीपुनःविचारकासमय। इसकसौटीसेसंथाराआत्महत्यानहीं है, कारणयहअसंतुलितमानसिकतामेंआवेगयाविषादमेंलियागयानिर्णय नहींहै।धार्मिकआस्थामेंलियागयानिर्णयभीमान्यहोताहै। जैसेएकधार्मिकपंथहै, "जेहोवाजविटनेस | उसकेअनु यायीट्रांस्फुजननहींकराते। इसेवेअपनेधर्मकेविपरीतमानतेहैं। ऐसेव्यक्तिकोअगरब्लडट्रांसफ्यूजनकी आवश्यकताहोऔरवहमनाकरदे, जबकिउसेपताहैकिउसकीमृत्युहोसकतीहै।इसीप्रकारधर्मअनुयायियोंकासंथारेकानिर्णयलेकरखान पानत्यागनाउनकाअधिकारहै, बशर्तेनिर्णयस्वतंत्रहो। उच्चतमन्यायालयनेभी अपनेनिर्णय(1987,1996,अनु च्छेद21)मेंयहकहाहैकिमरणासन्नव्यक्तिकोनिरर्थकचिकित्सानकराकरमर्यादितमृत्युवरणकरनेकीस्वत न्त्रताहै।उन्होंनेइच्छमृत्युऔरमरणासन्नव्यक्तिद्वाराउपचारकीसहमतिस्वीकारनहींकरमृत्युवरणकरनाअ लग-अलगमाना । Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ (F)आधुनिकWHOकीशोधकेपहलेआत्महत्याकोक्यासमझाजाताथा? जर्मनदार्शनिकफ्रॉयडकेअनुसार,आत्महत्याकीइच्छापरेशानीसेबचनेकाएकउपायहै।यहएकतरहकापलायन इसकेनिम्नकारणमानेजातेथे: • ईर्ष्याऔरजलनकेअसहनीयहोजानेसे, • अहंकारपरगहरीचोटलगनेसे, क्रोधऔरमोहभंगहोनेसे, • अहमकेअमर्यादितअनुशासनहीनहोजानेसे, असफलताकादोषअसहनीयहोजानेसे, • उद्वेगभावअसहनीयहोजानेसे • यहसोचखोदेनेसेकिसमयसाथपरिस्थितियाँस्वयंबदलजातीहैं। **परिशिष्ट-1 (G)बीफ्रेंडर्सवर्डवाइड(BWW**)संस्था: यहसंस्थाविश्वके50देशोंमेंफैलेअपनेकेन्द्रोंकेमाध्यमसेआत्महत्याकेनिवारणकाकामकरतीहै।WHOकेसाथ कीगयीअंतर्राष्ट्रीयशोधकेआधारपर(इसशोधकेमुख्यबिंदुउपरोक्तमेंदिएगएहैं।)मानाजाताहैकिआत्महत्या कोरोकनासम्भवहै। आत्महत्याकीसोचरखनेवालोंकीमानसिकताकोध्यानमेंरखतेहए,उन्होंनेएकबहुतहीविशिष्टऔरकारगरप्रणा लीविकसितकीहै।अपनेसभीस्वयंसेवकोंकोएकहीमानकपरइसप्रणालीकागहनप्रशिक्षणदियाजाताहै।यहसि खायाजाताहैकिआत्महत्याकीसोचरखनेवाले,स्वयंसेवकोंसेक्याक्याचाहतेहैं औरक्याक्यानहींचाहतेहैं।उनको भावनात्मकसहयोगदेनेकीस्किल(skill)मेंसक्षमऔरविशेषज्ञबनायाजाताहैं।वेउनलोगोंकीसमस्याकोगंभीर तासे,सम्मानऔरगोपनीयताकेस तेहैं।उनपरनतोकोईटिप्पणीकरतेहैं औरनअपनीकोईभीबातउनपरथो पतेहैं।नहीउनकोअपनीकोईरायदेतेहैं।यहपद्धतिलिसनिंगथेरेपीकेनामसेप्रसिद्धहोगयीहै।जिसप्रकारप्रेसरकुकरपरसेउसकावेटहटानेसेउसकेभीतरकादबावख़त्महोजाता है,उसीप्रकारउसव्यक्तिकीपूरीबातेंअव्याबाधढंगसेसुनलेनेसेतथाउसकीभावनाओंकोसमझनेसे,उसकामान सिकदबावकमहोजाताहै।वहफिरखुददुविधाकीस्थितिसेबाहरआजातेहै।व्यक्तिस्वयंअपनानिर्णयलेनेमेंसक्ष Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मबनजाताहै।यहपद्धतिकारगरढंगसेकामकरतीहै।एकअनुभवीस्वयंसेवककीसफलताकीदर100% तकहोतीहै