Book Title: Adarsha Hindi Sanskrit kosha
Author(s): Ramsarup
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan

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Page 826
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [655] शम्बूकाश्रम - मध्यभारत में, रामगिरि ( रामटेक ) 1 ( रामा० ) शर्यणावत् - रामद, ब्रह्मसरोवर । शाकंभरि - पश्चिमी राजपूताना में, 'सांभर' - जहाँ शर्मिष्ठा ने देवयानी को 'देओदानी' कुप ढकेल दिया था । शाकद्वीप - मध्यएशिया में 'शक - भूमि', 'तारतरी' - बोखारा तथा समरकन्द के मध्यगत 'साइथिया' अथवा 'सोदियाना' । शाकल - मद्र देश की राजधानी, स्यालकोट । शान्ति - साँची । ( महा० ) शार्ङ्गनाथ - सारनाथ । शालातुर - प्राचीन गान्धार में, पाणिनि की जन्मभूमि । शाल्मली ( द्वीप ) - काल्दिया । मैसोपोटामिया । सीरिया । ब्रह्माण्ड० ) शाल्व - कुरुक्षेत्र के निकट सत्यवान् के पिता द्युम्नसेन का राज्य, जिसमें जोधपुर, जयपुर, अलवर शामिल थे - मार्तिकावत । शाल्वपुर = सौभनगर (अलवर) उसकी राजधानी थी। शिवालय - एलोरा । शिरोवन - प्राचीन चेर (केरल) की राजधानी, तळवाळ' । शुक्तिमती - ( उड़ीसा में ) सुवर्णरेखा नदी । शूद्रक - सिन्ध तथा सतलज के मध्यगत देश, राज० उच्च । शूरसेन - कृष्ण के बाबा के नाम से विख्यात राज्य, राज० मथुरा । शूर्पारक - सुपारग, सूरत । शृङ्गगिरि शृङ्गेरी, दक्षिण में जहाँ वैदिक धर्म के पुनरुद्धार के लिए शंकराचार्य ने अपने चार मठों में एक स्थापित किया था । शेषाद्रि - त्रिपदी, तिरुपति, तिरुमलाई । शैवाल - शिवालय, एलोरा । रामटेक । ( रामगिरि ) शोण - गोंडवाना में अमरकण्टक से उद्गत नदी, जो मगध की पश्चिमी ( प्राकृतिक ) सीमा थी । शोणप्रस्थ- सोनीपत | शोणितपुर- कुमाऊँ में, केदारगंगा ( मन्दाकिनी ) के तट पर, एक नगर । आसाम में, आधु० तेजपुर' । शौरिपुर - नेमिनाथ की जन्मभूमि, मथुरा । मध्यदेश की 'शौरसेनी' हमारी ( वर्तमान ) 'राष्ट्र'भाषा' की जननी थी । श्रवणाश्रम - अवध में, जहाँ दशरथ ने शिकार करते हुए अन्धे माता-पिता के इकलौते बेटे श्रवण को भूल से मार डाला था । में श्रावस्ती - अवध में, गोंडा जिले में, राप्ती नदी के तट पर, आधु० 'सहेत महेत' । बुद्ध-युग श्रावस्ती गौरव के शिखर पर थी । श्रीपथ - जयपुर से ९० मील उत्तर में, 'विआना' - ' पथयमपुरी' | श्रीप ( 1 ) द - सिंहल का 'एडम्स ब्रिज' । श्रीकण्ठ, कुरुजांगल, महाकान्तार - जिसकी राजधानी विलासपुर थी । श्रीक्षेत्र - उड़ीसा में, पुरी । श्रीनगर-काश्मीर की राजधानी, जिसकी स्थापना ५वीं सदी में प्रवरसेन द्वितीय ने की थी । श्रीरंगपट्टन - ( मैसूर में ) आधु० 'सेरिंगपटम्' । श्रीशैल - कृष्णा के दक्षिण में एक तीर्थ पर्वत । श्रीस्थानक - ( बम्बई में ) 'थाना', जो कभी उत्तरी कोङ्कण की राजधानी था । श्रीहट्ट - सिल्हेत । ( योगिनी० ) For Private And Personal Use Only

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