Book Title: Yashodhar Charitam Author(s): Bhagchandra Jain Publisher: Sanmati Research Institute of IndologyPage 172
________________ Din (AROI.COMमला। ७. राजमहल में मन्त्रणा करते हुए राजा यशोधर। क्रमाला हात्मा तोह ह दाश्री हार्दयाजातापि नानाथ संतर्षिता । पुष्पफत प्रीतिय ८. यशोमति द्वारा सुदत्ताचार्य की वन्दना।Page Navigation
1 ... 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184