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य.
बालकता रे ॥ ९४ ॥ को यक खायलेल १६ साडुं गलि ॥ न खाधानुंखाय लेबलि
॥ तेनोर सपडेतन पर ॥ तेणें सुख नथियलभर ॥ १५ ॥ रमेभमे माता लउघडे ॥ घणुं दुखते गर्भनेंनडे ॥अ तिनस चिनुंजे अगार ॥जीव पडीयोते हमोका र ॥ १६ ॥ महा दुर्गंध मधे घररेवा ॥ घडिएकन हिस रखने वा
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