Book Title: Vyavaharik Sanskrit Dhatu Rupavali
Author(s): Girishnath Jha, Sudhirkumar Mishra, Ganganath Jha
Publisher: Vidyanidhi Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 15
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली अज (गतिक्षेपणयो:, भ्वादिगण, परस्मै, लुङ्) आजीत् आजी: आजिषम् अज (गतिक्षेपणयो:, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) अञ्चति अञ्चसि अञ्चामि www.kobatirth.org आजिष्यत् आजिष्यः आजिष्यम् अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लट्) आजिष्टाम् आजिष्टम् आजिव अञ्चतु अञ्च अञ्चानि अञ्चतः अञ्चथः अञ्चावः अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लोट्) आजिष्यताम् आज आजिष्याव अञ्चताम् अञ्चतम् अञ्चाव अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लङ्) आञ्चत् आञ्चः आञ्चम् आनञ्च आनञ्चिथ आनञ्च Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आनञ्चतुः आनञ्चथुः आनञ्चिव For Private and Personal Use Only आजिषुः आजिष्ट आजिष्म आजिष्यन् आजिष् आजिष्याम आञ्चताम् आञ्चतम् आञ्चाव अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) अञ्चेताम् अञ्चेत् अञ्चे: अञ्चेतम अञ्चेयम् अञ्चेव अञ्चु (गतिपूजनयोः, भ्वादिगण, परस्मै, लिट्) अञ्चन्ति अञ्चथ अञ्चामः अञ्चन्तु अञ्चत अञ्चाम आञ्चन् आञ्चत आञ्चाम अञ्चेयुः अञ्चेत अञ्चेम आनञ्चुः आनञ्च आनञ्चिम

Loading...

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 ... 815