Book Title: Vrat Vichar Ras
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 109
________________ अनुसंधान-१९ 109 ४ ५७० ५७१४ ५७४ दिण। ऊवटवाट देवं-देणुं रझळपाट (?) x or संवल भातुं ५७७ m m ५८२ ५८४ छबदि सेष सूररथाना खीरो m ५८५ in 30 झोटु or ५८६ ५९१ ५९१ ५९८ ५९८ r मइहइला कलग विटल or शेषनाग सूर्यरथना क्षीरसागर जुवान भेंश महिला-पत्नी कलंक स्वच्छंद-विट विह्वल काजे जमदग्नि(ऋषि)ने योगे शोणित शुक्र (वीर्य) मनुष्य in वीवल or m or ६१३ ६१७ ६१७ ६१९ काय जमदगधनिं युगि श्रुणी स्युक मुनीष in m m ६२० वरला or or m ६३४ ६३४ ६३७ ६४१५ ६४७ ६५२ ६५७ वशला वेढी परगति वस्यवांनर दोहो दश शरीओ मणिरेहा द्रीष्टराग विशल्या वढवाड-लडवाड प्रकृति-टेव वैश्वानर दश दिशाए श्रीयक मदनरेखा दृष्टिराग 5 or n r Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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