Book Title: Vikramaditya Chaupai
Author(s): Somgani, 
Publisher: Mansor

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Page 33
________________ वोवाजापगमै साधाजामालमवैववैमने तेल का शेक्षा ढालवीसमीदाजीपालानै विश्मिना बाकि लालवनसागराजानोबल जागा तब पालोबालैइसौसममा सक्विार॥मामी मेवीबीन ते देवसलवारशाधेमन मै मर राजालेजोममायामामी नेसालावास लेश्यालयवाजानाजी मपनीमटाकरता बरवहमी घाममनरो विचार॥३॥षापर मकरिरह्यो। पालौचाल्पोलारामा चार्वतसवियाफा त दुवारासामाडीकैपटनचरजारे दोलन निमावदेशी बतरगन सानिमिवालतिरेकरि-वोरम वा वैजेदवाने हवे राजाबल फोरे हा कारादिवसागजिपरिव करैमाहाराटाला नकलाल घुलाचविवाद्याबलेही नृपति पैतिजीलाई नौकनिकाचोरलेनलाइबेतिकपटकपटकरि मन में वितेमामालानाजाजin तो देखा केमहा माजलीधई बाहिररया जा तागजामुम जानतेसा वैकि मै तो जामजदोगुनी। नीतशास्त्र माहेक टोलोनापानाव हो यानिाजोसामानुजानपति वतिनोयपि 17 सुताकताही जासावैमुमग मामलनेदपायापापात्रा में पाने माम हो

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