Book Title: Veerstuti
Author(s): Kshemchandra Shravak
Publisher: Mahavir Jain Sangh
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" , "वीरस्तुतिः ।
. . .'
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पृष्ठाङ्काः पतयः अशुद्धम् । शुद्धम् : ३७२
आपना
अपना " २५
अन्यत्वता. अन्यत्व ३७३
एकत्वता, ,
एकत्व ३८१
तरुः ।, तरु., ३८४ ११ वोधात्मिकी वोधात्मिकां
कश्चित्प्रवन्धो कश्चित्प्रवन्धो ३९९
दीयतेऽद्य . दीयते यद् गच्छतः स्खलनं कापि, भवत्येव प्रमादतः। हसन्ति दुर्जनास्तत्र, समादधति सजनाः ॥
विवृतिकारः
'दानी पुरुषोंकी- नामावली १००) शे० जगजीवन महता, मु० झरिया, १०० शेठ मानकचन्द महावीरप्रसाद, सुपुत्र शेठ ज्वालाप्रसादजी राजा वहादुर कलकत्ता, १००) शे० शिवलाल पोपट संघवी, झरिया, २००) शे० मनोहरलाल जैन, कानपुर, २०) शे०-अमरचंद नाहर, कलकत्ता, २०) शे० सुजानमल पन्नालाल कलकत्ता, २०) शे० गोपीचंद हीरावत कलकत्ता, ११॥ शे० चादमल मूसल कलकत्ता, १३) शे० सुंदरलाल खारड कलकत्ता १४) शे० रतनलालजी वदलिया कलकत्ता, ७) शे० मागीलाल वोरडिया सरवाड.
' पुस्तके मिलनेका पता... मन्त्री ज्ञातपुत्र महावीर जैनसंघ, .
. मु०, पो०, पाटोदी, [स्टेट]
, जि० गुडगाँव (पंजाव) ।

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