Book Title: Vasudevhindi Bharatiya Jivan Aur Sanskruti Ki Bruhat Katha
Author(s): Shreeranjan Suridevi
Publisher: Prakrit Jainshastra aur Ahimsa Shodh Samsthan

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Page 618
________________ परिशिष्टः२ वसुदेव की अट्ठाईस पत्नियों की विवरणी १-२.श्यामा और विजया : विजयखेट के राजा जितशत्रु की पुत्रियाँ (पृ.१२१) । ३. श्यामली : किन्नरगीत नामक विद्याधरनगर के राजा अशनिवेग की रानी सुप्रभा से उत्पन्न पुत्री (पृ.१२४)। ४. गन्धर्वदत्ता : चम्पानगर के चारुदत्त सेठ के घर में रहनेवाली, शिवमन्दिर नगर के विद्याधरनरेश अमितगति की रानी विजयसेना की पुत्री (पृ.१५३) । ५. नीलयशा : विद्याधरनरेश सिंहदंष्ट्र की रानी नीलांजना की पुत्री (पृ.१८०) । ६. सोमश्री : गिरिकूट ग्राम के ग्रामनायक देवदेव की पुत्री (पृ.१८२) । ७. मित्रश्री : अचलग्राम (मगध) के धनमित्र सार्थवाह की पत्नी श्री की पुत्री (पृ.१९७) । ८. धनश्री : अचलग्राम के ही सोम नामक ब्राह्मण की पत्नी सुनन्दा की पुत्री (पृ.१९८)। ९. कपिला : वेदश्यामपुर नामक नगर के राजा कपिल की पुत्री (पृ.१९९) । १०. पद्मा : शालगुह सन्निवेश के राजा अभग्नसेन की रानी श्रीमती की आत्मजा (पृ.२०१-२०४)। ११. अश्वसेना : जयपुर के राजा मेघसेन की रानी की पुत्री (पृ.२०६)। १२. पुण्ड्रा : भद्रिलपुर के राजा पुण्ड्र की आत्मजा (पृ.२१४) । १३. रक्तवती : इलावर्द्धन नगर के सार्थवाह मनोरथ की पत्नी पद्मावती की आत्मजा (पृ.२१९)। १४ सोमश्री : महापुर नगर के राजा सोमदेव की रानी सोमचन्द्रा की पुत्री (पृ.२२२)। १५. वेगवती : विद्याधरनगर सुवर्णाभ के विद्याधरनरेश चित्रवेग की रानी अंगारमती (अंगारवती) की आत्मजा (पृ.२२७) । १६. मदनवेगा : अरिंजयपुर नामक विद्याधरनगर के विद्याधरनरेश विद्युद्वेग की रानी विद्युज्जिह्वा की आत्मजा (पृ.२४५) । १७. बालचन्द्रा : गगनवल्लभनगर के विद्याधरनरेश अरुणचन्द्र की रानी मेनका की आत्मजा (पृ.२६२-२६४)। १८. बन्धुमती : श्रावस्ती के कामदेव सेठ की पली बन्धुश्री की पुत्री (पृ.२६८-२७९)। १९. प्रियंगुसुन्दरी : श्रावस्ती के ही राजा एणिकपुत्र की आत्मजा (पृ.३०६) । २०. केतुमती : वसन्तपुर नगर के राजा वत्सिल की पुत्री और राजा जितशत्रु की बहन (पृ.३४८)।

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