Book Title: Vartaman Sandarbh me Shakahar ki Upadeyata Author(s): Kiran Siroliya Publisher: Z_Mahasati_Dway_Smruti_Granth_012025.pdf View full book textPage 2
________________ आज अमेरिका, इंग्लैड, जापान, यूरोप तथा विश्व के अनेक स्थानों से समाचार मिल रहे है कि वहा शाकाहारियों की संख्या प्रतिवर्ष बढ रही है। बद्धिजीवी व्यक्ति शाकाहारी जीवन-प्रणाली के ती को अधिक प्रगतिशील और वैज्ञानिक मानने लगे हैं। संसार के महान बद्धिजीवी उदाहरणार्थ अरस्त. प्लेटो. शेक्स आइंसटीन, जार्ज बर्नाड शॉ, श्रीमती एनीबेसेंट रुसो आदि सभी शाकाहारी थे किंतु भारत जो परम्परागत अहिंसा और शाकाहार का देश है वहाँ के पेंशन के नाम पर लोग अण्डे एवं मांस का अपने भोजन में समावेश करने लगे है जबकि वैज्ञानिक अंवेषण परीक्षण के पश्चात् यह सिद्ध हो चुका है कि मांसाहार स्वास्थ्य के लिए सर्वथा हानिकारक है और शाकाहार स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक और दीघार्यु प्राप्त कराने वाला है फिर हमारा कोई धर्म नहीं जिसमें मांस भक्षण को प्रधानता दी गई हो। यदि गहराई से साथ अध्ययन मनन चिंतन किया जावे तो यह बात स्पष्ट हो जायेगी कि प्रत्येक धर्म का प्राण अहिंसा है। मांसाहार घोर हिंसापूर्ण आहार है। इसी कारण विश्व के सभी संत, महात्मा तथा महापुरुष इसे त्याज्य बताते हैं। ___ मनुस्मृति में लिखा है- “मारने की सलाह देने वाला, मांस बेचने वाला, पकाने वाला, परोसने वाला और खाने वाला ये सभी घोर पापी है"। गुरु नानक देव ने कहा है- “मांसाहारियों के हाथ का खाना-पीना भी घोर पाप है। भगवान बुद्ध ने कहा-"किसी भी प्राणी से हिंसा मत करो। शाकाहारी भोजन सर्वोत्तम है"। महात्मा गांधी ने कहा है- “हमारे लिए वही आहार सार्थक बनता है जो हममें स्वस्थ रक्त बनाये और वह है शाकाहार। कुरान शरीफ में कहा गया है- “जानवरों को मारना और खेती को तबाह करना जमीन में खराबी फैलाता है और अल्लाह खराबी पसंद नहीं करता"। इस प्रकार सभी विद्वानों ने मांस त्यागने की बात कही है और जैन धर्म में तो अहिंसा को परम धर्म ही माना गया है। आज आम लोगों की ये धारणा है कि अण्डे एवं मांस में प्रोटीन, जो शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व है, अधिक मात्रा में पाया जाता है किंतु यह बात कितनी गलत है यह इससे साबित होगा कि सरकारी आंकड़ो के अनुसार ही, १०० ग्राम अण्डो में जहां १३ ग्राम प्रोटीन होगा, वहीं पनीर में २४ ग्राम, तो मूंगफली में ३१ ग्राम, दूध से बने कई पदार्थों में तो इससे भी अधिक प्रोटीन होता है। यदि हम कैलोरी की बात करें तो जहां १०० अण्डों में १६० केलोरियां, मुर्गे के गोश्त से १९४ कैलोरियां प्राप्त होती है, वही दालों में उसी मात्रा से ३३० कैलोरियां, मूंगफली से ४५० कैलोरियां और मख्खन-निकले दूध एवं पनीर से ३४८ कैलोरियां प्राप्त होती है। हमारे विद्वान डाक्टरों का मानना है कि अण्डे में अधिक प्रोटीन तो नहीं, अधिक विष अवश्य होता है। क्योंकि १८ मास परीक्षण के पश्चात अण्डों में ३० प्रतिशत डी.डी.टी. विष पाया गया है और एक अण्डे में लगभग ४ ग्रेन कोलेस्टेराल की मात्रा पाई जाती है। इतनी अधिक मात्रा के कारण अण्डे दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, गुर्दे का रोग आदि पैदा कर देते है। चिकित्सा विशेषज्ञों की राय है कि शाकाहारी भोजन में कैंसर रोकने वाले तत्व होते है। आंतों और स्तनों का कैंसर अधिकतर मांसाहारी लोगों को होता है। शाकाहारी का स्वभाव उग्र नहीं बनता, इसके विपरीत मांसाहारी जल्दी ही उत्तेजित हो जाता है। हृदय रोगों की आशंका भी मांसाहारी व्यक्तियों में अधिक देखी गई है। शाकाहारी भोजन मनुष्य को दीघार्यु बनाता है। (२४८) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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