Book Title: Vargchulika
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 12
________________ जोकनें गणिका रुपणापामाथकी यात्रिय मानिविध सिक्षानरमादने यागणियाखुटीपनासागबजांप्रचणायामगया।सिरकाशि व्ययाण आयी चारेकेलोकन नथायोतानामगागंबंध बुनिने परिवासिक सापाया अस्वप्नायरियामाणीनियसयोआपुचितपरिवा नोधर्मावरकराजहनएबी मिलानगरीक्षकानिकलीनिकलीमकासविनिमय वाचा याधाम्नायविधाएकरायामहिमानगरीनिवति॥कासीजण्वयमा गविषेरहीनदीनने पकनेकानिसमा परिबाजीकाटनेपासे आयेावान सौरभु पहियरशारसीववियपरिवाया।वायगाएं अंतिआगमेसो न परिवाऊकनी पामीन बालविधकी विचार निवारनकामलशानामगणका यमलेपश्चिायसंधानवसीपकिन्नाांविदरशातएणंसाकामलयागा नेकामलतापरिवाजका सम्वरिवनिकानीधर्मभीररित्रानका अन्नदायस्ताव थाये meयरिययासविसई-अण्याकया।साकामपरिवायिया। SPri B.L.lnstituRH Indology y Villa Complex, (GE.KardiRoad, P.O.Alipi P 0036. ducation Intematon For Personal Private Use Only www.sanelibrary.org

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