Book Title: Vamdhwajvinirmita Sankettika taya Sahit Udayanacharya Nibaddha Nyayakusumanjali
Author(s): Nagin J Shah
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 208
________________ 193 .न्यायकुसुमाञ्जलि स्तबकः 5 परिशिष्ट - 2 सङ्केतगतानां ग्रन्थ-ग्रन्थकारादिनाम्नां सूचिः अक्षचरण 31 त्रिलोचनगुरु 129 अक्षपाद 173 [धर्म]कीर्ति 9 अभिनवनैयायिक 96 न्यायकुसुमाञ्जलि 140, 189 अभिनवमीमांसक 95 न्यायवार्तिककृत् 167 ईश्वरकृष्ण 30 नैयायिक 9, 20, 48, 88, 95, 113, 173 उद्योतकराचार्य 187 नैयायिकमत 108 एकदेशिमत 20, 22 नैयायिकैकदेशिमत 12, 55, 96 कणभक्ष 31 नैयायिकैकदेशी 54, 95 कपिल 40 पतञ्जलिमत 3 कर्णकुल 189 पाणिनि 169 कालिदास 156 पाणिनिस्मृति 167 काशिका 112, 115, 180 पाणिनीय 171 काशिकाकृत् 115, 180 प्राभाकर 19, 28, 67, 73, 106, 164, 175 कीति (धर्मकीर्ति) 9 प्राभाकरमत 65 कुसुमाञ्जलि 1, 45, 126, 189 बौद्ध 5, 13, 14, 15, 35, 39, 42, 90, 95, गुरु 174 126, 141, 150 गुरुमत 73, 95 बौद्धधिक्कार 150 चार्वाक 4, 5, 8, 9, 10, 11, 13, 15, 29, 34, बौद्धमत 16, 38 42, 62, 88, 89, 90, 141 भट्ट (कुमारिल) 97 चिरन्तननैयायिक 89 भट्टमत 65 चौसा 140, 189 भाष्यकृत् 112 चौसानगर 189 भूषण 50 जरन्मीमांसकमत 95 भूषणकार 95, 97, 125 ज्ञाततावादी 133 मण्डन 155 ज्ञानश्री 36 महादेव 140, 189 तीरभुक्ति 140, 189 महाव्रत 25, 26, 27

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